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सरकारी पार्कों, बरामदों और आम रास्ते पर गैर-कानूनी रूप से बना दिया अवैध मैरिज गार्डन, रोजाना लाखों के वारे-न्यारे।

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 15 मार्च:
शासन-प्रशासन को ठेंगे पर रखकर होटल माफिया किस प्रकार जनता की सुविधा के लिए बने सरकारी पार्कों और लोगों के आवाजाही के लिए बने सरकारी बरामदों और आम रास्ते को गैर-कानूनी रूप से कब्जा कर उसे मैरिज गार्डन में बदलकर लाखों-करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहे है, इसका जीता-जागता उदाहरण सैक्टर-17 मार्किट में स्थित नामी-गिरामी एकांत होटल है, जिसको कि अब ग्रीन इन के नाम से भी जाना जाता है।

कहने को तो सैक्टर-17 हुडा मार्किट में स्थित SCF No..-12,13 और 14 तीनों को एडज्वाईन यानि एक कर इसे होटल में बदल दिया गया है, जिसमें की कॉरिडोर बेसमेंट, रेस्टोरेंट, टेरिस गार्डन/बार आदि में काफी निर्माण किए हुए हैं जोकि दिखने में अवैध निर्माण लगते हैं। अब होटल संचालक ने इन अवैध निर्माणों का कम्पलीशन करा कंपाऊंडिंग फीस भरकर इसे हुडा पॉलिसी के मुताबिक रेगुलर करवाया हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी तो हुडा विभाग को होगी जिसका खुलासा हम अपनी अगली खबर में हुडा विभाग और एक्साईज विभाग से जानकारी लेकर करेंगे। लेकिन फिलहाल जो खुलासा हम करने जा रहे हैं, वो उससे अलग है।

हुडा प्रशासन के चंद अधिकारियों की मिलीभगत से सैक्टर-17 हुडा मार्किट स्थित होटल एकांत /ग्रीन इन के संचालक सरकारी पार्कों और लोगों के आवाजाही के लिए बने सरकारी बरामदों और आम रास्ते को गैर-कानूनी रूप से मैरिज गार्डन में बदल कर यहां रोजाना लग्जरी पार्टियां कर जहां रोजाना के लाखों के वारे-न्यारे कर रहे हैं, वहीं आम जनता के लिए भी परेशानी पैदा कर रहे हैं।

इस संबंध में जब हमने हुडा विभाग के एक अधिकारी से पूछा तो उन्होंने मैट्रो प्लस को हुडा विभाग द्वारा जारी एक परमिशन लेटर दिखाया। हुडा विभाग द्वारा 25 मार्च, 1998 को जारी इस परमिशन लैटर के मुताबिक एकांत होटल के मालिक समय सिंह को उनकी रिक्वेस्ट पर हुडा विभाग ने SCF No..-12,13 और 14 के आसपास बने पार्कों की डवलपमेंट और देखभाल की परमिशन उन्हें इन शर्तों के साथ दी थी कि वे यहां ना कोई कॉमर्शियल एक्टिीविटी करेंगे और ना ही ही यहां कोई कच्चा-पक्का निर्माण करेंगे। बावजूद इसके होटल संचालक द्वारा डवलपमेंट और देखभाल के नाम पर लिए गए सरकारी पार्कों सहित सरकारी बरामदे और आम रास्ते पर अवैध कब्जा कर वर्षों से यहां मैरिज गार्डन के रूप में प्रयोग कर लाखों-करोड़ों के वारे-न्यारे किए जा रहे हैं, जोकि हुडा के निर्देशों का खुला उल्लंघन है।

हुडा के निर्देशों की इस उल्लंघना के बारे में जब हमने दोबारा से हुडा विभाग के एक अधिकारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि वो इस संबंध में जल्द ही कानूनी कार्यवाही करेंगे।

वैसे तो होना तो ये चाहिए कि देखभाल के नाम पर लिए गए हुडा विभाग के सरकारी पार्कों, बरामदों और आम रास्ते पर अवैध मैरिज गार्डन से सन् 1998 से लेकर अब तक जो करोड़ों रूपये एकांत होटल के संचालकों ने कमाए हैं, उसकी रिकवरी भी हुडा विभाग के अधिकारियों को कर इसे कब्जामुक्त करवाना चाहिए।

अब देखना यह है कि सरकारी पार्कों की देखभाल की परमिशन लेकर उसकी आड़ में हुडा प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी पार्कों पर बना अवैध मैरिज गार्र्डन और सरकारी बरामदे और रास्ते पर हुआ अवैध कब्जा कब तक हटता है और उनसे रिकवरी की जाती है या नहीं? –क्रमश:


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