Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad, 2 सितम्बर: DLF इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन तक पहुंचाने और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को केवल MSME सेक्टर को प्रभावी और उसके विकास द्वारा ही पूर्ण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत समूचे विश्व की उभरती हुई अर्थव्वस्था है, ऐसे में यहां कार्यरत इकाइयों को विश्वस्तर पर अधिक लाभ मिलने की आशा है, किंतु जब तक देश में चल रहे उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहित नहीं किया जाता तब तक भारत का पूरे विश्व का प्रतिनिधित्व करने के सपने को पूरा करने में समय लग सकता है।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 6.3 करोड़ MSME इकाइयां कार्यरत हैं जिन्हे यदि प्रभावी नीति के अंतर्गत प्रोत्साहन मिले तो वह ना केवल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपितु रोजगार प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
मल्होत्रा ने बताया कि लगभग 51℅ इकाइयां ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत है जो आमजन को रोजगार और कौशल प्रशिक्षण में अपना योगदान देने के साथ साथ क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि कृषि क्षेत्र के अतिरिक्त MSME एक ऐसा विकल्प है जो धरातलीय स्तर पर रोजगार सृजन और समाज में एकजुटता और तालमेल बनाने में भी अपना योगदान देता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत इकाइयों के माध्यम से बुनियादी जरूरतों में अपना सहभागिता सुनिश्चित करना है।
श्री मल्होत्रा ने MSME सेक्टर को मजबूत करने हेतु एसोसिएशन द्वारा गवर्मेंट ITI, इंटीट्यूट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स,
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट, श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में नए अप्रेंटिस ढूंढने के प्रयास किए गए ताकि इस सेक्टर को श्रम शक्ति मिल सके।
वहीं एसोसिएशन के महासचिव भूपिंदर सिंह ने कहा कि MSME सेक्टर जहां एक और सामाजिक विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है, बल्कि जमीनी स्तर पर आमजन को कार्य दक्ष बनाने तथा आत्मनिर्भर बनाने में भी अपना सहयोग प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह सेक्टर घरेलू और वैश्विक स्तर पर गुणवतायुक्त उत्पाद और संतोषजनक सेवाओं के बल पर बिजली उपकरण, ऑटोमोबाइल सेक्टर, पर्यावरण से जुड़े कार्यों में अपना विशेष महत्व रखता है।
भूपिंदर सिंह ने बताया कि समय की मांग के अनुरूप और नई तकनीक के साथ डिजिटलकरण प्रक्रिया को अपनाने और इस क्षेत्र में अवसर प्राप्त करने हेतु यह सेक्टर गतिशील है जिसका सबसे प्रबल उधारण कोविड काल में कम ही समय में MSME सेक्टर का डिजिटल प्रक्रिया को सरलता से अपनाना है।
जबकि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष महेश गोयल ने कहा कि MSME सेक्टर देश की रीढ़ की हड्डी है, जिसके कारण इस सेक्टर को नए अवसर और ऊंचाई प्रदान करने हेतु नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करना आवश्यक है। ऐसे ही सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाते हुए एसोसिएशन को हरियाणा सरकार द्वारा स्ट्राइव प्रोजेक्ट में चयनित करने पर एसोसिएशन द्वारा नए अप्रेंटिस को ट्रेनिंग प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने और उद्योगों को श्रम शक्ति उपलब्ध करवाने के सफल प्रयास किए गए।
श्री गोयल ने बताया कि एसोसिएशन प्रधान जेपी मल्होत्रा द्वारा निजी स्तर पर नए अप्रेंटिस ढूंढने हेतु शैक्षणिक संस्थानों, व्यावसाहिक केंद्रों और निकट के आवासीय एरिया के निरंतर दौरा जारी रहा ताकि इस सेक्टर को ओर अधिक प्रभावी बनाया जा सके।