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Haryana: परिसीमन में बदलाव और सीटें में फेरबदल कर भूपेंद्र हुड्डा को ठिकाने लगाने की तैयारी, सीट हो सकती है रिजर्व!

परिसीमन में हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों को 126 और 10 लोकसभा सीटों कोबढ़ाकर किया जा सकता है 14
Metro Plus से Naveen Gupta की खास रिपोर्ट
चंडीगढ़, 16 नवंबर:
हाल-फिलहाल हरियाणा में विधानसभा की 90 और लोकसभा की 10 सीटें हैं। लेेकिन सन् 2029 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले इन सीटों में बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि हरियाणा में 2029 के चुनावों से पहले परिसीमन होना है जिसमें लोकसभा की सीटें बढ़कर 14 और विधानसभा की 126 सीटें हो सकती हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को राजनैतिक रूप से ठिकाने लगाने के लिए उनकी विधानसभा सीट गढ़ी सांपला किलोई को रिजर्व किया जा सकता है और सांसद कुमारी सैलजा के गढ़ में भी छेड़छाड़ हो सकती है।

पुख्ता जानकारी के मुताबिक नए परिसीमन के लिए भाजपा ने ग्राउंड लेवल पर इसकी तैयारी अभी से शुरू भी कर दी है। बताया जा रहा है कि भाजपा हरियाणा के हर गांव का सर्वे करा रही है। इस सर्वे में देखा जा रहा है कि हरियाणा प्रदेश में ऐसे कितने गांव हैं जहां भाजपा आज तक चुनाव नहीं जीती और ऐसे कितने गांव हैं जहां से भाजपा चुनाव जीत रही है? इसके लिए पिछले दो चुनावों का डाटा भी निकाला जा रहा है। लोकसभा और विधानसभा वाइज यह रिपोर्ट तैयार हो रही है जिसके बाद भाजपा को इसकी मदद परिसीमन कराने में मिल सकती है।

काबिलेगौर रहे कि इससे पहले हुड्डा शासनकाल के दौरान 2007-08 में हरियाणा में परिसीमन हुआ था। इस दौरान कई विधानसभा क्षेत्रों को तोड़कर नया बनाया गया था, खासकर सिरसा, हिसार और अहीरवाल क्षेत्र में कई जगह परिसीमन से बदलाव हुए थे।

टूट सकते हैं हुड्डा और सैलजा के गढ़:-
सुत्रों की मानें तो भाजपा द्वारा करवाए जाने वाले इस नए परिसीमन में हुड्डा और सैलजा के गढ़ में छेड़छाड़ हो सकती है। इसके लिए भाजपा सर्वे कर डाटा तैयार रही है। विधानसभा को इस तरीके से तैयार किया जाएगा जिससे कांग्रेस को सीधा-सीधा नुकसान हो। इसी के तहत रोहतक, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और मेवात के एरिया में परिसीमन कर बदलाव किया जा सकता है जहां भाजपा ने विधानसभा की एक भी सीट नहीं जीती।

वहीं दूसरी तरफ कालांवाली, गढ़ी सांपला किलोई, उकलाना, कलानौर, शाहबाद जैसी सीटें भी भाजपा के टारगेट पर हैं। नए परिसीमन में कलानौर को जरनल सीट में बदला जा सकता है। इसी तरह ऐलनाबाद विधानसभा से दड़बा या चौपटा नई विधानसभा निकाली जा सकती है। हिसार लोकसभा से उचाना हलके को बाहर कर जींद को लोकसभा क्षेत्र बनाया जा सकता है।

परिसीमन आयोग करता है कार्य:-
बता दें कि हरियाणा में विधानसभा की 36 और लोकसभा की 4 सीटों की बढ़ोतरी बाद हरियाणा राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर राज्य के रूप में उभरकर सामने आएगा। काबिलेगौर रहे कि परिसीमन आयोग हर 10 साल बाद विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या में कमी या वृद्वि करता है। इन 10 सालों के अंतराल में आयोग के पास बहुत से ऐसे केस और अर्जियां पहुंचती हैं जिनमें लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उन्हें आरक्षित करने के प्रस्ताव दिए जाते हैं। संबंधित लोग अपने-अपने हिसाब से आयोग के पास दलीलें भेजते हैं जिनका धरातल पर वैरिफिकेशन करने के बाद परिसीमन नए सिरे से किया जाता है। फिलहाल प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से 2 सीटें अंबाला और सिरसा आरक्षित हैं जबकि 90 विधानसभा सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

क्यों हैं नए परिसीमन में विधानसभा क्षेत्रों के बदलाव की जरूरत:-
हरियाणा की मौजूदा 10 लोकसभा सीटों में अधिकतर ऐसी हैं जो घनत्व और आबादी के लिहाज से 2 से 4 जिलों तक में फैली हुई हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है कि एक जिले में कुछ राजनीतिक समीकरण हैं तो दूसरे जिले में कुछ। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान नतीजे चौंकाने वाले होते हैं। यही स्थिति विधानसभा सीटों की भी है। राज्य में 40 विधानसभा ऐसी हैं जिनका ग्रामीण व शहरी एरिया काफी बढ़ चुका है। उदाहरण के लिए करनाल, पंचकूला या गुरुग्राम विधानसभा से बिल्कुल सटे इलाके नजदीकी विधानसभा में पड़ते हैं जबकि गांव व शहरी लोगों के कामकाज के लिए मुख्यालय संबंधित शहर में होता है। ऐसे में परिसीमन के जरिए इन विधानसभा क्षेत्रों का फैला हुआ दायरा कम कर नई विधानसभा सीटें बनाई जानी प्रस्तावित हैं।

नए परिसीमन में 3 लोकसभा और 25 विधानसभा सीटें रिजर्व होना संभव:-
परिसीमन के बाद राज्य में 14 लोकसभा सीटों में से 3 आरक्षित हो सकती हैं जबकि 126 विधानसभा में से 25 सीटें रिजर्व कैटेगरी में रखी जा सकती हैं। 2007-08 में परिसीमन के बाद भिवानी और महेंद्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्रों को भिवानी-महेंद्रगढ़ बनाने के लिए मिला दिया गया और मौजूदा फरीदाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र को बांटकर कर एक नया गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र बनाया गया।

2021 में विधानसभा अध्यक्ष ने लिखा था पत्र:-
2021 में हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता ने नए विधानसभा भवन के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को जो पत्र लिखा गया था उसमें 2029 में प्रस्तावित परिसीमन का जिक्र करते हुए स्पष्ट उल्लेख किया था कि राज्य में विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ने जा रही है। जबकि मौजूदा विधानसभा भवन में मात्र 90 विधायकों के ही बैठने की व्यवस्था है। इसलिए हरियाणा विधानसभा को अपना अलग भवन चाहिए।
पंजाब विधानसभा ने हरियाणा के 30 से ज्यादा कमरे कब्जा रखे हैं जो दिए नहीं जा रहे। इसलिए हरियाणा ने अपनी विधानसभा के नए भवन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तो केंद्र ने भी हरियाणा की नई विधानसभा को मंजूरी दे दी है और वन विभाग ने इसके लिए एनओसी जारी कर दी है:

हरियाणा की स्थिति पर एक नजर:-
हरियाणा में इस समय 22 जिले, 72 उपमंडल, 93 तहसीलें, 50 उप-तहसीलें, 142 ब्लॉक, 154 शहर और कस्बे, 6,841 गांव, 6212 ग्राम पंचायतें और कई छोटी ढाणियां हैं।
हरियाणा में 10 नगर निगम (गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल और सोनीपत),18 नगर परिषद और 52 नगर पालिकाएं हैं।


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