Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News, 4 सितंबर: यमुना का जलस्तर बढऩे के बाद फरीदाबाद से सटे गांवों व कालोनियों में हालात बद से बदत्तर हो गए है। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावितों के लिए कदम तो उठाए जा रहे है, लेकिन स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण यह कदम नाकाफी साबित हो रही है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुमित गौड़ ने आज कांग्रेसी नेताओं के साथ बाढग़्रस्त गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों का दुख बांटा। इस मौके पर उनके साथ मुख्य रुप से तिगांव से पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी रोहित नागर, पूर्व पार्षद सुंदर सिंह, पंकज पूर्व प्रेसीडेंट, राकेश, कपिल बघेल, ओमपाल शर्मा, मोनू चौधरी आदि मौजूद रहे।
इस मौके पर सुमित गौड़ ने बताया कि बाढग़्र्रस्त गांवों में हालात बहुत ही दयनीय हो गए है, वह ट्रेक्टरों के द्वारा गांवों में पहुंचे जहां स्वयं उन्होंने लोगों का रेस्क्यू करवाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। जब वह गांव भूपानी पहुुंचे तो वहां 13-14 साल के तीन बच्चे पानी में डूब गए, जिनमें से जाटव समाज के एक बच्चे की मौत हो गई जबकि दो बच्चे अस्पताल में उपचाराधीन है। हैरानी की बात तो यह है कि इतना जलभराव होने के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वहां किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई है, जिसके चलते यह घटना घटित हो गई और एक बच्चे ने अपनी जान गंवा दी।
सुमित गौड़ ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह इस स्थिति को समझे और बाढ़ से ग्रस्त गांवों व कालोनियों में पुलिसकर्मियों की तैनाती करवाए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ का खतरा नहीं है वहां से अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलवाकर उनकी ड्यूटी यहां लगाई जाए ताकि लोगों के जान माल की सुरक्षा समय रहते हो सके।
श्री गौड़ ने कहा कि वह कई गांवों में आज जायजा लेने पहुंचे लेकिन कितने शर्म की बात है कि कोई भी भाजपा सरकार का मंत्री, विधायक व पार्षद उन्हें दूर दूर तक नजर नहीं आया। आज जब बाढ़ की चपेट में आए लोगों को सरकार और उनके जन-प्रतिनिधियों की जरूरत है तो यह लोग एसी कमरों में बैठकर स्वार्थ की राजनीति कर रहे है। इन्हें जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है।
इसके उपरांत सुमित गौड़ ने गांवों के राहत शिविरों में जाकर लोगों को खाना इत्यादि वितरित किया और भरोसा दिलाया कि वह एक-दो दिन बाद फिर गांवों में आएंगे और लोगों की जो भी मदद बन पड़ेगी करेंगे। उन्होंने शहर की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से भी अपील की कि वह इस दु:ख की घड़ी में आगे आए और लोगों की मदद के लिए कपड़े, खाना, दवा आदि उपलब्ध करवाकर उनको मदद पहुंचाने का काम करे।

