Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad, 18 नवंबर: SSB हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पहली बार एक अत्यंत जटिल और उच्च जोखिम वाली प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। जीवन रक्षक यह प्रक्रिया एक अंतरराष्ट्रीय मरीज पर की गई जिसकी दोनों किडनी की धमनी (Renal Arteries) एक बड़ी सूजी हुई महाधमनी (Aorta) से निकल रही थीं। यह सूजन पैरों की तरफ जाने वाली धमनी तक फैली हुई थी और किसी भी समय फटने का खतरा था जिससे मरीज की जान को तत्काल खतरा था।
डॉ.एसएस बंसल (सीएमडी एवं वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट) के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने यह दुर्लभ एवं जटिल Fenestrated Aortic Aneurysm Repair तकनीक अपनाई। इस प्रक्रिया में 5 कवर स्टेंट और एक वैस्कुलर प्लग का उपयोग किया गया। प्रक्रिया जनरल एनेस्थीसिया के अंतर्गत की गई तथा चारों एक्सेस साइट्स (दोनों जांघों एवं दोनों भुजाओं की धमनी) के माध्यम से सूजी हुई महाधमनी तक पहुंचा गया। दोनों किडनियों की धमनी में भुजाओं की ओर से विशेष स्टेंट लगाए गए ताकि किडनियों की रक्त आपूर्ति बनी रहे।
इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाली टीम में शामिल थे
- डॉ. पंकज इन्गोला (एनेस्थीसिया विशेषज्ञ)
- ब्रिगेडियर डॉ. सुदीप सिंह सिद्दू (वैस्कुलर सर्जन)
- डॉ. सुबांघी
- डॉ. एसएस बंसल, डॉ. अंसुल और डॉ. सिद्वांंत बंसल (कार्डियोलॉजिस्ट)
SSB प्रवक्ता के मुताबिक मरीज को एक दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया जिसके बाद उसकी स्थिति तेजी से सुधरी। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और अपने देश वापस जाने के लिए तैयार है।
यह फेनस्ट्रेशन तकनीक से किया गया पहला ऐसा जटिल केस है जिसमें दोनों किडनियों की सुरक्षा करते हुए बड़ी महाधमनी की सूजन का इलाज किया गया। दुनिया के बहुत कम अस्पताल इस स्तर की जटिल प्रक्रिया कर पाते हैं और यही कारण है कि यह अंतरराष्ट्रीय मरीज विशेष रूप से SSB हॉस्पिटल फरीदाबाद आया क्योंकि यह आधुनिक तकनीक यहां उपलब्ध है।







