भारत रत्न से अलंकृत व्यक्ति के नाम के आगे ऐसा उल्लेख नहीं किया जा सकता
Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Chandigarh, 25 दिसंबर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से पहले ‘भारत रत्न’ लगाए जाने पर उंगली उठनी शुरू हो गई है। इस मामले में हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ई-मेल भेजकर और विभाग के एक्स-हैंडल पर पोस्ट कर पुन: यह मामला उठाया गया है। कहा जा रहा है कि भारत रत्न से अलंकृत व्यक्ति के नाम के आगे ऐसा उल्लेख नहीं किया जा सकता है जैसा कि उक्त विभाग ने आज 25 दिसम्बर, 2025 को सुशासन दिवस पर सरकारी विज्ञापन में प्रकाशित करवाया है जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के नाम के आगे ‘भारत रत्न’ का प्रयोग किया गया है।
बता दें कि आज 25 दिसम्बर, 2025 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की101वीं जन्म जयंती है। वाजपेयी के जन्मदिवस को 11 वर्ष पूर्व 2014 में केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा गुड गवर्नेंस-डे (सुशासन दिवस) के रूप में घोषित किया गया था। तब से प्रतिवर्ष इस दिन को इसी तौर पर देशभर में मनाया जाता है। उसी वर्ष 2014 में वाजपेयी के 90वें जन्मदिन पर मोदी सरकार द्वारा उन्हें भारत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत करने का निर्णय लिया गया था जो मार्च, 2015 में उन्हें प्रदान किया गया। उसके साढ़े तीन वर्ष बाद अगस्त, 2018 में वाजपेयी जी का निधन हो गया था।
बहरहाल, आज 25 दिसंबर 2025 को वाजपेयी की 101वीं जन्म जयंती और सुशासन दिवस पर केंद्र सरकार एवं भाजपा शासित सभी राज्य सरकारों द्वारा इस सम्बन्ध में मीडिया विशेषकर समाचार पत्रों में सरकारी विज्ञापन प्रकाशित करवाए गए हैं। इसी के चलते हरियाणा के सूचना, लोक संपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा आज प्रदेश के विभिन्न समाचार पत्रों में इस सम्बन्ध में सुशासन दिवस पर जो एक सरकारी विज्ञापन प्रकाशित हुआ है जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के नाम के आगे ‘भारत रत्न’ का प्रयोग किया गया है।
इसी विज्ञापन में महान स्वतंत्रता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का भी उल्लेख है जिनकी जयंती भी आज ही है। हालांकि मालवीय को भी वाजपेयी जी की तरह मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ के सम्मान से वर्ष 2015 में नवाजा गया था। हालांकि आज प्रकाशित विज्ञापन में मालवीय के नाम के समक्ष ‘भारत रत्न’ का उल्लेख नहीं किया गया है बल्कि ’महामना पंडित’ का उल्लेख किया गया है। हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने फेसबुक पेज पर जो पोस्ट डाली है उसमें उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के नाम से पहले ‘भारत रत्न’ का उल्लेख किया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि आज से 30 वर्ष पूर्व दिसम्बर 1995 में माननीय सुप्रीम कोर्ट के एक संवैधानिक बेंच ने ‘बालाजी राघवन बनाम भारत सरकार’ नामक केस में निर्णय दिया था कि भारत सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले चारों राष्ट्रीय अवार्ड अर्थात भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण एवं पद्मश्री को किसी भी प्रकार से नाम के साथ उपाधि के तौर पर प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इन्हें प्राप्त करने वाला अर्थात इनसे अलंकृत व्यक्ति इन्हें अपने नाम के आगे या पीछे नहीं लगा सकता। अगर वो ऐसा करता है तो एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए उस व्यक्ति को प्रदान किए गए सम्बंधित राष्ट्रीय अवार्ड को भारत सरकार द्वारा वापस भी लिया जा सकता है।
हेमंत ने एक रोचक जानकारी देते हुए बताया कि आज से 18 वर्ष पूर्व वर्ष 2007 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में तत्कालीन सत्तासीन कांग्रेस सरकार द्वारा दिल्ली विधानसभा से भारत रत्न डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय अधिनियम, 2007 बनाया गया था, जिसके नाम में अम्बेडकर के आगे भारत रत्न का उल्लेख किया गया था। हालांकि वर्ष 2016 में अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार ने उसमें विधानसभा मार्फत संशोधन कराकर उक्त विश्वविद्यालय अधिनियम के नाम में से ‘भारत रत्न’ शब्द हटा दिए थे। इससे स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच के निर्णय को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।
बहरहाल, अब क्या हरियाणा सरकार के लोक संपर्क विभाग के अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच के उपरोक्त निर्णय की जानकारी ही नहीं है अथवा इसके बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के नाम के आगे सरकारी विज्ञापन में ‘भारत रत्न’ का प्रयोग किया गया है जो सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त निर्णय की अवहेलना है, यह देखने लायक है।
इस विषय पर हेमंत ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ई-मेल भेजकर और विभाग के एक्स-हैंडल पर पोस्ट कर पुन: यह मामला उठाया है।









