महेश शर्मा
चण्डीगढ़,5 नवम्बर: शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है। इसलिए विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर ध्यान देना और उनमें संवेदनशीलताएं सद्भावपूर्ण जीवन और बड़ों का आदर करने जैसे मूल्यों को भरना होगा।
यह बात हरियाणा,पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ के प्रशासक प्रो०कप्तान सिंह सोलंकी ने आज पंजाब विश्वविद्यालय में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में बोलते हुए कही। समारोह का आयोजन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा किया गया था। परिषद् की ओर से राज्यपाल ने होनहार विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
प्रो० सोलंकी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे भारतीय समाज और राष्ट्र के महान सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाएं। अपनी-अपनी कक्षा में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने उन्हें ज्ञान अर्जित करने के साथ ही कौशल विकास पर बल देने को कहा। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थियों को अपना कैरियर विश्व में हो रहे बदलावों के अनुरूप तैयार करना होगा। इसलिए उन्हें अपने पाठ्यक्रम के साथ ही कड़ी प्रतियोगिता का सामना करने के लिए कौशल विकास करना होगा। आज के परिदृृश्य में रोजगार पाने के लिए यह अति आवश्यक बन गया है।
राज्यपाल ने आगे कहा कि युवाओं को भारत के प्रधानमंत्री ने द्वारा शुरू किए गए डिजीटल इंडिया, कौशल विकास और मेक इन इंडिया कार्यक्रमों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि हमारे युवा भारत को 21वीं सदी में विश्व का अग्रणी देश बनाने में सफल होंगे।
इस अवसर पर हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन, चण्डीगढ की पूर्व मेयर राजबाला मलिक, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सह संगठन मंत्री श्रीनिवास, महानगर अध्यक्ष विकास शर्मा आदि उपस्थित थे।
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