आत्मनिर्भर बनने के लिए सौर उर्जा को बढ़ावा दे रही है सरकार
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 14 दिसम्बर: अगर आपने भविष्य में अपनी नई बनने वाली कोठी में सोलर सिस्टम नहीं लगवाया तो आपको सरकार उसका किसी प्रकार कंप्लीशन नहीं देगी। और अगर आपने सोलर सिस्टम लगवाया तो आपको जहां बिजली बिल में राहत मिलेगी वहीं सरकार उसे सब्सिडी भी देगी, जल्द ही इस संबंध में सरकार द्वारा पॉलिसी जारी की जा रही है। यह पॉलिसी 500 वर्ग गज या इससे ज्यादा वर्ग गज के प्लॉट पर ही लागू होगी। यह कहना था अक्षय उर्जा विभाग के प्रधान सचिव एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अंकुर गुप्ता का। श्री गुप्ता आज यहां एनएच-5 में अपने एलुनुमाई पवन कुमार नागपाल के कार्यालय में मैट्रो प्लस से विशेष बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर पवन कुमार नागपाल के अलावा समाजसेविका अलका खन्ना, सरदार सुरजीत सिंह ठेकेदार, संदीप कौर रीटा, राजकुमार सुनेजा तथा प्रदीप मल्लाह आदि विशेष तौर पर उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने बताया कि सरकार द्वारा पॉवर सैक्टर में आत्मनिर्भर बनने के लिए सौर उर्जा को बढ़ावा दिया ता रहा है। इसलिए सौर ऊर्जा के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से वे जल्द ही एक मोबाईल बस को हरियाणा भर के प्रत्येक जिले, ब्लॉक, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल आदि-आदि जगह भेजेंगे जिसके द्वारा लोगों को सोलर सिस्टम से होने वाले फायदों और सरकार की पॉलिसी के बारे में समझाया जाएगा। यहीं नहीं, संभवत: आगामी एक से 15 फरवरी तक लगने वाले अंर्तराष्ट्रीय स्तर के सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में भी वे सोलर सिस्टम के फायदों से लोगों को अवगत कराएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे विश्व में 14 से 18 दिसम्बर को सोलर एनर्जी कंवर्जन दिवस के रूप में मनाया जाता है और आज 14 दिसम्बर भी है।
अक्षय उर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री गुप्ता ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि यदि आपने इस वित्त वर्ष में सोलर पैनल लगाकर मानों एक साल में 120 किलोवाट बिजली प्रोड्यूस की और 100 किलोवाट कंज्यूम की तो 90 प्रतिशत आपका बिजली बिल वेव-ऑफ हो जाएगा। और इस वर्ष जो हम स्कीम दे रहे हैं उसमें आपको बिजली बिल में 25 पैसे प्रति यूनिट इंसेंटिव मिलेगा। इस तरह आपका बिजली बिल जीरो हो जाएगा। और जो बिजली बच रही है वह या तो ग्रिड में जा रही है और उससे देश का फायदा होगा।
यहीं नहीं श्री गुप्ता का यह भी कहना था कि शहर के उद्योगपति अपनी फैक्ट्री की खाली छत पर एक मैगावाट की कैप्सटी का पैनल लगा सकते है। इस पैनल लगने से जो बिजली प्रोड्यूस हुई है, उसमें से खपत करने के बाद बची हुई बिजली को ग्रिड में डालकर उसे वो हरियाणा में कहीं ओर भी लेना चाह रहा है तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। और यदि वह उस बची हुई बिजली को सरकार को बेचना चाहेगा तो निधार्रित दरों पर सरकार उसे खरीद भी लेगी। कुल मिलाकर सरकार का ध्यान सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देना है जिससे कि देश और जनता दोनों का फायदा हो।
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