जयपुर का आमेर किला एक उत्तम ऐतिहसिक धरोहर: फौगाट
नवीन गुप्ता
जयपुर/फरीदाबाद, 23 दिसंबर: फौगाट पब्लिक स्कूल सैक्टर- 57 के विद्यार्थियों के एक दल ने जयपुर के आमेर किले का भ्रमण किया। स्कूली बच्चों को ऐतिहासिक जानकारी मुहैया कराने के लिए कराए गए इस शैक्षिणक भ्रमण पर आए स्कूली बच्चों ने यहां काफी उत्साहित एवं रोमांचक मूड में इस भ्रमण का आनंद उठाया।
फौगाट स्कूल के निदेशक सतीश फौगाट ने बताया कि फौगाट शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसकंल्प है। इस भ्रमण दल में अध्यापक रविंद्र शुक्ल, सपना, प्रधानाचार्या निकेता सिंह आदि मौजूद है। श्री फौगाट ने बताया कि पानी के अंदर बने महल जलमहल का अवलोकन भी मनमोहक था। वहीं जंतर-मन्तर से वैज्ञानिक विज्ञान संबंधी 350 वर्ष पुरानी सटीक जानकारियां भी मिली।
गौरतलब रहे कि यह आमेर किला जयपुर से 11 कि०मी० दूर 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ आकर्षक रूप में मौजूद है। शुरूआती दौर में इसे मीनाओं द्वारा बनवाया गया तथा बाद में इसे राजा मानसिंह द्वारा 21 दिसंबर, 1550 से 6 जुलाई, 1614 तक शासित किया गया। इसमें दीवान-ए-आम, दीवाने खास, शीश महल, जयमंदिर, सुख-निवास आदि कम्यूटिमेंटस (हिस्से) हैं। ऊंचाई पर होने की वजह से इसे अंबर फोर्ट भी कहा जाता है। यह महल राजपूतों और उनके परिवारों के लिए था। प्रदेश पर गणेश नामक द्वार है और वहां शीलादेवी का मंदिर है। चील के टीले पर स्थित जयगट किला है जो अंबर किला से सुरंग द्वारा जुड़ा हुआ है।
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