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अब चैक की बजाए आरटीजीएस से होगी सरकारी विभागों की पेमेंट

भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में सरकार का नया कदम
नवीन गुप्ता
चंडीगढ़, 28 दिसम्बर: हरियाणा में सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने सभी सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों द्वारा अपनी सभी अदायगियों को चैक की बजाय रियल-टाइम ग्रोस सेटलमैंट सिस्टम (आरटीजीएस) के माध्यम से किया जाना अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, किसी भी विभाग, बोर्ड या निगम को दो से अधिक बैंक खाते खुलवाने की अनुमति नहीं होगी और केवल विशेष परिस्थितियों में ही संबंधित मंत्री की पूर्व अनुमति से तीसरा खाता और मुख्यमंत्री की स्वीकृति से चौथा खाता खुलवाया जा सकेगा। ये निर्णय मुख्यमंत्री मनोहरलाल की अध्यक्षता में आज यहां भ्रष्टाचार उन्मूलन के संबंध में हुई अपनी तरह की पहली बैठक में लिए गए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार विभागों, बोर्डों एव निगमों में विभिन्न सेवाओं के लिए 1000 रुपये से अधिक की सभी अदायगियों का संग्रहण चैक के माध्यम से करने की एक व्यवस्था शुरू करने पर भी विचार कर रही है। बहरहाल, 1000 रुपये से कम की सेवाओं के लिए उपभोक्ता नकद भुगतान कर सकेंगे। इससे धन के लेनदेन में होने वाली अनियमितता एवं गड़बड़ी को दूर करने में ही मदद नहीं मिलेगी, बल्कि लोगों में सरकार के प्रति एक विश्वास की भावना भी जागृत होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के सभी नगर निगमों में गृह कर अदायगी की प्रणाली को सुचारू करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपने संबंधित विभागों में भ्रष्टाचार के पांच मुख्य क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अंतिम लक्ष्य भ्रष्टïाचार के कारणों की पहचान करके भ्रष्टाचार को जड़मूल से समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य प्रदेश में पक्षपात को समाप्त करना और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुशासन सुनिश्चित करना है। उन्होंने विभागों को अलग टीमें गठित करने को कहा जो भ्रष्टाचार के क्षेत्रों की पहचान करने और प्रतिपुष्टि प्राप्त करने के लिए सीधे जनता के बीच जाएंगी।
दिल्ली से गुडग़ांव तथा साथ लगते अन्य क्षेत्रों में हो रही शराब की तस्करी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब की आवाजाही पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को यह सुनिश्चत करने को भी कहा कि शराब ले जाने वाले सभी वाणिज्यिक वाहनों पर जीपीआरएस सिस्टम लगा हो ताकि उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके। इसके अतिरिक्त, एक ऐसी ऑन लाइन प्रणाली भी होनी चाहिए जिसमें ट्रकों पर लादे गए तथा भेजे गए माल की पूरी जानकारी हो ताकि माल की चोरी को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि डिस्टीलरीज़ के मुख्य द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरों का केन्द्रीकृत निरीक्षण भी किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को राज्य में नहरी पानी की चोरी के मामलों से कड़ाई से निपटने और नहरों की नियमित गश्त सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि विश्व बैंक को एक प्रस्ताव भेजा गया है और इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन के उपरांत नहरों से छोड़े जाने वाले पानी का हैड वार निरीक्षण सुनिश्चित हो सकेगा।
बैठक में मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी, मुख्य मंत्री के प्रधान सचिव आर.के.खुल्लर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामनिवास, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.राघवेन्द्रा राव तथा विभिन्न विभागों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


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