फैशन शो में तेलंगाना की समृद्धशाली सभ्यता से हुआ परिचय
फरीदाबाद, 15 फरवरी: पोचमपल्ली यह शीर्षक तेलंगाना की साडियों के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके तहत बीती रात्रि आयोजित थीम स्टेट के फैशन शो ने तेलंगाना की समृद्धशाली संस्कृति से रूबरू होने का मौका दिया। युवतियों और महिलाओं पर तो तेलंगाना के साड़ी पैटने को देखकर सम्मोहन सा छा गया।
30वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में शनिवार की रात्रि थीम स्टेट के संयोजन में फैशन शो का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्धशाली इस प्रांत ने डॉक्युमेंट्री तथा पोचमपल्ली साडियों के प्रदर्शन से फैशन शो का शानदार आगाज किया।
पोचमपल्ली के विविध रूपों में हथकरघा उद्योग की समृद्धि की अनूठी झलक देखने को मिली। माडलों ने पोचमपल्ली साडियों के विभिन्न पैटर्न प्रदर्शित किये। विविध रंगों के साथ शालिनता झलकाती साडियां तेलंगाना की महिलाओं की सादगी की तस्वीर उकेरती प्रतीत हुई। पोचमपल्ली साडियों का प्रदर्शन तीन चरणों में किया गया। जिसमें सर्वप्रथम छापों वाली साडियांं प्रदर्शित की गई। इनके साथ युवकों ने सफेद पायजामों के साथ आकर्षक कुर्तों का प्रदर्शन किया।
द्वितीय चरण में माडलों ने प्लेन एवं आकर्षक साडियों का प्रदर्शन किया। बंधिनी पैटर्न साडियां अत्यंत मनोहारी लग रही थी। इसके बाद माडलों ने आधुनिक दौर की भी हलकी झलक बिखेरते हुए चुस्त कैपरी, शर्ट, स्कर्ट एवं लोंग स्कर्ट का भी प्रदर्शन किया। जिसमें हैंडलूम का प्रचार-प्रसार झलक रहा था। इनके साथ सफेद ट्राउजर में पुरुषों के छोटे कुर्तों का प्रदर्शन आकृष्ट करता प्रतीत हुआ। माडलों ने साडियों को भिन्न तरीके से प्रदर्शित करते हुए गर्दन पर पल्ला बांधकर कैट वॉक की तो तालियां बज उठी। माडलों ने दुल्हनों के लिए तैयार सुंदर साडियों के कलैक्शन की भी अनूठी छठा बिखेरी। साथ ही उन्होंने चूड़ीदार का भी प्रदर्शन किया।
तेलंगाना टूरिज्म बोर्ड के संयोजन में साडियों के माध्यम से कला का प्रदर्शन करने के साथ-साथ डॉक्यूमेंट्री के जरिये तेलंगाना की समृद्धशाली संस्कृति एवं सभ्यता तथा इतिहास से भी परिचित कराया गया। डॉक्यूमेंट्री में तेलंगाना की मनोहारी झीलों, पहाड़ों, वन, झरने, वन्य जीवों, ऐतिहासिक किलों और खेतीबाड़ी के दर्शन कराये गये। साथ ही रॉक आर्ट पेंटिंग की भी निराली तस्वीर देखने को मिली।