प्रीति सेंगर
फरीदाबाद, 18 फरवरी: यौन उत्पीडऩ के विरूद्ध महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद के महिला प्रकोष्ठ द्वारा पूर्व छात्र संघ मॉब के सहयोग से कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ रोकथाम निषेध तथा निवारण अधिनियम 2013 विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष ओपी शर्मा मुख्य अतिथि तथा प्रमुख वक्ता रहे। कार्यशाला को नेहरू कॉलेज की पूर्व प्रो० डॉ० आलोक दीप ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में डॉ० आलोक दीप ने यौन उत्पीडऩ के आशय तथा महिला यौन उत्पीडऩ प्रकोष्ठ के उत्तरदायित्व तथा कार्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीण आंचल तथा एनजीओ के साथ अपने कार्य अनुभव भी साझे किये तथा इस दिशा में कार्य करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
अपने संबोधन में ओपी शर्मा ने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ रोकथाम निषेध तथा निवारण अधिनियम 2013 के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीडऩ महिलाओं के समानता एवं गरिमा के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन है जोकि संवैधानिक रूप से महिलाओं को प्रदान किया गया है। इसके अलावा यह सुरक्षित माहौल में कामकाज या व्यवसाय करने के अधिकार का उल्लंघन भी है।
कार्यशाला के दौरान आंतरिक शिकायत समिति तथा जिला शिकायत समिति की संरचना एवं कार्यों पर भी चर्चा की गई। जिसमें विद्यार्थियों ने भी परिचर्चा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के अंत में महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्षा पूनम सिंघल ने वक्ताओं का धन्यवाद किया तथा स्मृति चिन्ह भेंट किये। कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने महिला प्रकोष्ठ द्वारा यौन उत्पीडऩ जैसे संवेदनशील विषय पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने के लिए महिला प्रकोष्ठ की सराहना की।