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फरीदाबादहरियाणा

अर्बन एस्टेट में प्रजापित ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय द्वारा आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित

प्रीति सेंगर
फरीदाबाद, 5 मार्च: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के हिसार केंद्र द्वारा अर्बन एस्टेट के हुडा पार्क में महाशिवरात्रि के संबंध में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वंदना बहन ने कहा कि शिवरात्रि का त्यौहार परमात्मा के धरती पर अवतरण की याद में मनाया जाता है। मंदिर में सभी मूर्तियां जैसे श्रीराम, कृष्ण, नारायण आदि साकारी स्वरूप में है लेकिन शिवलिंग जो पिंडी रूप में निराकारी स्वरूप में है क्योंकि परमात्मा ज्योतिस्वरूप है। ज्योति की उपासना कठिन है अत: शिवलिंग के रूप में परमात्मा शिव की पूजा की जाती है। कलियुग के अंतिम चरण में परमपिता परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा के तन में अवतरित होते हैं। तब वे मनुष्य मात्र को यह शिक्षा देते हैं कि काम-वासना का भोग एक जीव घातक विष लेने के समान है। आत्मज्ञान रूपी सोम अथवा अमृत पिलाकर परमपिता परमात्मा शिव जिन्हें ही सोमनाथ और अमरनाथ भी कहा जाता है इस संसार रूपी विषय सागर का सारा विष हर लेते हैं इसी कारण उन्हें विषहर भी कहा जाता है। वर्तमान का सारा समय शिवरात्रि का समय है। अब विष को छोड़कर शिव से प्रीत जोडऩे का समय है। उन्होंने आने वाली महाशिवरात्रि पर्व की सबको बहुत बधाई दी।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी बबीता बहन ने कहा कि हमारे सामने कोई समस्या आती है तो हम भगवान को याद करते हैं। कोई गलत काम कर रहा हो तो हम कहते हैं ‘ऐसा मत करो ऊपर वाला देख रहा है। क्या हमने ऊपरवाले को जाना है वो कैसा है? मनुष्यों ने एक भूल कर दी है जो कहा परमात्मा सब में है। भगवान हमारे अंदर समाया है तो हम टैंशन में, परेशानी में, दु:ख में क्यों हैं? यदि हमारे भीतर भगवान है तो फिर मंदिरों में, तीर्थों में जाने की क्या आवश्यकता है। हमारे अंदर तो गुस्सा ही गुस्सा भरा पड़ा है। भगवान तो शांति, आनंद, सुख, पवित्रता का सागर है। अगर भगवान हमारे अंदर है तो उसका कोई न कोई गुण तो हमारे अंदर होना चाहिए। इससे सिद्ध होता है परमात्मा सर्वव्यापी नहीं है। वह तो निराकार ज्योतिबिन्दु स्वरूप है। शिवरात्रि पर कई लोग भांग पीते हैं परंतु नशा करने से तो शरीर खराब होता है, कलह-क्लेश बढ़ता है। हमें नशा तो परमात्मा का करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने कहा है कि ‘नशे सारी दुनिया दे, उतर जा प्रभात, नाम खुमारी नानका चढ़ी रहे दिन-रात। तो हमें ईश्वरीय खुमारी में रहना चाहिए। ब्रह्माकुमार पवन भाई ने भी कार्यक्रम में प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि जैसे छोटे बच्चे को उसके माता-पिता बताते हैं कि हमारे माता-पिता हैं वैसे ही परमात्मा आकर हम आत्माओं को अपनी पहचान स्वयं देते हैं। इस अवसर पर मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और शिवध्वज फहराया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रो० सुदक्षिणा बामल ने भजन सुनाकर सबका मन-मोह लिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से एमएल गुप्ता, राजकुमार गांधी, हरीश मक्कड़, हरचंद, मुकेश, टीएन खत्री, कमला आर्या, ओपी जैन, प्रेम वासुदेवा, सरोज वासुदेवा, कैलाश सेठी, कांता शर्मा, लाज मखीजा,ऊषा गुप्ता, सुनीता महिमा, राखी हसीजा व प्रो० रविन्द्र कौशिक सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

Photo of Prajapita Brahamkumari's 5 March 2016 (02)


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