नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 28 मार्च: दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 7 दिवसीय श्रीमद देवी भगवत कथा का आयोजन महाराजा अग्रसेन भवन सैक्टर-19 ओल्ड फरीदाबाद में किया गया जिसके प्रथम दिवस में गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज की शिष्या कथा व्यास साध्वी सुश्री अदिति भारती जी ने समस्याओं से ग्रसित आज के वैश्विक परिवेश को रखते हुए, वर्तमान परिपेक्ष में वेद कालीन कथा गयन यज्ञों के अनुष्ठान की परंपरा की अनिवार्यता को रखा। उन्होंने बताया संवेदन शून्य हुए समाज को पुन: नव्प्रनों से स्पंदित करने के लिए अदि शक्ति की महिमा से मंडित श्रीमद देवी भगवत महापुराण कृष्णद्वेपायन वेदव्यास जी द्वारा मानव समाज को प्रदात एक अन्मूल निधि है।
महादेवी के विस्तृत महात्मय को रखते हुए उन्होंने बताया कि जिससे वेद विद्या कहते है, योगी जिससे परा शक्ति कहते है, जिससे भक्त पारवती, लक्ष्मी, दुर्गा, कालि, सरस्वती, अन्नपूर्ण आदि नामों से पूजते हैं। पाश्चात्य दार्शनिक जिससे ळंपं कहते हैं, वैज्ञानिक जिससे मदमतहल कहते हैं, यह सब परिचय उस अदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा के ही है। और भारत के वेद वैज्ञानिक ऋषि मुनियों उस अदि शक्ति के विस्तार और लीला को देख उन्हें मां कहकर संबोधित किया।
आज शांति की तलाश करता हर मानव संसार में सुखों को खोजता यूं ही अपने जीवन को खतम कर देता है, प्रथम स्कन्द में मधु कैटभ वध एवं शुकदेव मुनि की जीवन गाथा को रखते हुए साध्वी जी ने बताया की शांति का राजमार्ग न ही इस संसार के त्याग में है और न ही इस संसार के विशे भोगों में लिप्त होने में, रजा जनक और शुकदेव मुनि के संवाद को उठाते हुए उन्होंने बताया की मन को मां भगवती की शाश्वत भक्ति में लगा ही मनुष्य इस संसार में रहते हुए भी विदेह अर्थात जीवन्मुक्त हो सकता है। शांति का राजमार्ग यदि इस संसार में कोई है तो वह है इश्वर की भक्तिभक्ति के सन्दर्भ को ही समझाते हुए उन्होंने स्पस्ट किया की भक्ति शाश्त्र ग्रंथों को पठान पठान नहीं अपितु उसका प्रारंभ ही भगवती के साक्षात् दर्शन से होता है।
इस दौरान मुख्य अतिथि श्रीमती सीमा त्रिखा, विपुल गोयल, विधायक राम जुनेजा अध्यक्ष व्यापर मंडल, शांति प्रकाश गुप्ता, प्रमोद गुप्ता, उद्योगपति विनोद मित्तल, मुख्य यजमान एवं दयाल नागपालने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
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