दिल्ली हाईकोर्ट ने किया शिकायत को रिजेक्ट
सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए लोगों को गुमराह कर किया जा रहा है ड्रामा
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 30 मार्च: सिख समुदाय के ऊपर बनी संता बंता प्रा० लिमिटेड फिल्म के प्रसारण को लेकर फिल्म पर जो संकट के बादल छा रहे थे वो बादल अब छंट से गए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस मामले में जहां फिल्म निर्माता को हरी झंडी देते हुए शिकायतकर्ता की शिकायत को यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया है कि यदि इस फिल्म के प्रसारण को लेकर कोई ऑब्जेक्शन है तो शिकायतकर्ता सेंसर बोर्ड में अपना ऑब्जेक्शन दर्ज कराये। वहीं यहां यह बात भी काबिलेगौर रहे कि सेंसर बोर्ड पहले ही इस फिल्म को अपनी क्लीयरेंस दे चुका है। यह फिल्म आगामी 22 अप्रैल को पूरे भारतवर्ष में जोर-शोर से रिलीज होने जा रही है। इसके लिए लगभग पूरी तैयारियां हो चुकी हैं।
गौरतलब रहे कि मामले के शिकायतकर्ता सिमरजीत सिंह का आरोप है कि इस फिल्म में सिख समाज पर मजाक बनाया गया है। इसके लिए सिमरजीत ने फिल्म के एक ट्रेलर और उसकी कुछ फोटो का हवाला दिया था। शिकायतकर्ता का कहना था कि फिल्म के पोस्टर में सूट के साथ शॉट्र्स भी दिखाया गया है जिस पर उनका ऑब्जेक्शन है। इससे हमारे जैसे सभी लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इसके अलावा शिकायतकर्ता का फिल्म को लेकर कोई भी ऑब्जेक्शन नहीं है। संता बंता जोक्स के लिए ये मुद्दा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
इस मामले में फिल्म के डायरेक्टर आकाशदीप का कहना है कि उनका मकसद किसी भी समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचाने का नहीं है। ये फिल्म पूरी तरह से पारिवारिक और कॉमेडी से भरपूर है। फिल्म में संता-बंता के किरदार जासूस की भूमिका में नजर आ रहे हैं। रही बात फिल्म के उस पोस्टर की जिसको लेकर विवाद था तो इस मामले में आकाशदीप का कहना था कि उन्होंने पोस्टर को ही फिल्म से हटा दिया है। बकौल आकाशदीप उनकी स्वयं की पत्नी सिख परिवार से ही है। तो ऐसे में तो यह सवाल ही पैदा नहीं होता कि वे सिख समुदाय के अपने बच्चों के लिए ऐसी मूवी बनाएं जिससे समाज में गलत सन्देश जाए। आकाशदीप के मुताबिक संता बंता फिल्म को विवादों में डालने का काम वे लोग कर रहे हैं जोकि सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। कुल मिलाकर संता बंता प्रा० लिमिटेड फिल्म को लेकर जो विवाद बताया जा रहा है उसमें कहीं भी कोई सच्चाई नजर नहीं आ रही है। उनका कहना था कि केन्द्र सरकार के सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म को क्लीन चिट दी हुई है
वहीं मैट्रो प्लस की संपादकीय टीम ने जब इस फिल्म के ट्रेलर को देखा तो इस फिल्म में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला जिससे कि सिख समुदाय सहित किसी भी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंच रही हो।