नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 4 अप्रैल: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विवेकानंद मंच द्वारा आदर्श भारतीय शिक्षा विषय को लेकर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें पुनरुथान विद्यापीठ अहमदाबाद से श्री दिलीप केलकर ने विशिष्ठ वक्ता के अपने उद्गार व्यक्त किये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने की जबकि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसंधान एवं विकास केन्द्र में वरिष्ठ प्रबंधक श्री गंगा शंकर मिश्र कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर कुल सचिव डॉ० संजय कुमार शर्मा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो० एसके अग्रवाल, प्रो० संदीप ग्रोवर के अलावा काफी संख्या में संकाय सदस्य भी सम्मिलित हुए। व्याख्यान के दौरान आधुनिक संदर्भ में भारतीय शिक्षा परम्परा को लेकर परस्पर चर्चा भी की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बेहद जरूरी है और भारतीय शिक्षा की परंपरा को पुन: विकसित करने के लिए पुनरुथान विद्यापीठ द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है।
भारतीय शिक्षा परंपरा को विश्व की प्राचीनतम तथा श्रेष्ठतम परंपरा बताते हुए श्री केलकर ने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली के पुनरुथान की आवश्यकता है। जिसके लिए शिक्षण संस्थानों को अनुकूलतम वातावरण तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति की संभावित क्षमता पर निर्भर करती है और व्यक्तिगत विकास को निर्धारित करती है। इसलिए शिक्षा प्रणाली में संभावित क्षमताओं पर ध्यान देते हुए व्यक्तिगत विकास को सुनिश्चित बनाना होगा।
प्रत्येक क्षेत्र के लिए अनुसंधान को महत्वपूर्ण बताते हुए श्री केलकर ने कहा कि आज आवश्यकता अनुसंधान पर बल देने की है और दुनिया में समाज तरक्की करता है। जो अनुसंधान में आगे हो। उन्होंने कहा कि अनुसंधान को भारतीय शिक्षा परंपरा के दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता है। जिसके लिए शिक्षा प्रणाली पुनरुथान की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में स्वायता को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने तक्षशिला तथा नालंदा जैसे प्राचीन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय का उदाहरण दिया और इस दिशा में पुनरुथान विद्यापीठ अहमदाबाद द्वारा किये जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया।
कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने श्री केलकर को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में विवेकानंद मंच के संयोजक डॉ० प्रदीप कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।