मैट्रो प्लस
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (महेश गुप्ता): प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में एक बार फिर ऑड-ईवन योजना शुक्रवार से शुरू हो गई। दिल्ली की सड़कों पर आज केवल ऑड नंबर वाले वाहन चलेंगे, हालांकि मोटरसाइकिल पर यह लागू नहीं होगा। इस योजना में महिलाओं, स्कूल वाहनों और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट दी गई है। नियम तोड़ने वालों पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस सिलसिले में अगले 15 दिनों तक रोजाना सड़कों पर 2000 यातायात कर्मी, 580 प्रवर्तन अधिकारी एवं 5000 से अधिक नागरिक रक्षा स्वयंसेवक तैनात किए जायेंगे। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को यहां कहा, एक प्रवर्तन योजना तैयार की गयी है जिसके तहत शहर को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 11 क्षेत्रों में बांटा गया है। हर क्षेत्र में 10 उपक्षेत्र होंगे। हर उपक्षेत्र में एक सचल प्रवर्तन दल काम करेगा।
ऑड-ईवन योजना: मेट्रो ने किए विशेष इंतजाम
उन्होंने बताया कि एक प्रवर्तन योजना तैयार की गयी है और दिल्ली परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा के 588 अधिकारी इस योजना के दौरान विभिन्न दलों में बांटकर तैनात किए जाएंगे। सचल दल से आने वाले मामलों पर गौर करने के लिए 20 सदस्यीय विशेष कार्यबल बनाया गया है।राय ने बताया कि प्रवर्तन टीमों के पास दस सूत्री चार्ट हैं जिसमें आईएसबीटी, रेलवे स्टेशनों, स्वास्थ्य संस्थानों, बड़े चौराहों, आईजीआई हवाई अडडे के आसपास के क्षेत्र एवं भीड़भाड़ वाले भवन शामिल हैं।
ऑड-ईवन योजना: 154 प्रमुख चौराहों पर तैनात रहेगी ट्रैफिक पुलिस
दिल्ली यातायात पुलिस के 2000 अधिकारी सड़कों पर रोजाना तैनात किए जाएंगे। यातायात विभाग ने शहर में 200 ऐसे चौराहों की पहचान की जहां उनके कर्मी टीमों में तैनात किये जाएंगे। वैसे टीम का आकार उन चौराहों पर यातायात की मात्रा के आधार पर तय होगा। राय ने कहा कि सरकार इस योजना के दौरान स्कूल के बाद बच्चों को लाने जा रही कार की समस्या का हल ढूढ नहीं पायी है। जिन कारों में स्कूली वर्दी में बच्चे जा रहे हैं, उन्हें सम विषम से छूट है। लेकिन अभिभावकों ने उन्हें स्कूल से वापस लाने जा रही कारों को लेकर आशंका प्रकट की है। सरकार द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए राय ने कहा कि जब स्कूल से बच्चों को लाने की बात आती है तो देखा गया कि 85 फीसदी महिलाएं ही ड्राइवर होती है जिन्हें इस योजना के तहत छूट प्राप्त है। बाकी लोग कार पुलिंग कर सकते हैं। जब उनसे पूछा गया ऐसी कारों के लिए सीएनजी स्टीकर या प्रमाणन जैसी व्यवस्था क्यों नहीं की जा सकती तो राय ने कहा कि ऐसे काम की निगरानी फिलहाल संभव नहीं है।