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फरीदाबाद, 16 अप्रैल (महेश गुप्ता): हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखकर हरियाणा में निजी स्कूलों द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने की मांग की। मंच ने प्रधानमंत्री को बताया है कि मंच की ओर से अब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 11 पत्र इस विषय पर लिखे जा चुके हैं। मंच के चार पत्रों को तो पीएमओ ऑफिस में आवश्यक कार्यवाही हेतु मुख्य सचिव हरियाणा को भेजा है उसके बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा अभिभावकों के हित में कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है। मंच की ओर से एक पत्र तो खेल परिषर फरीदाबाद में केंदीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व विधायक मूलचंद शर्मा की मौजूदगी में सौंपा गया था।
मंच की ओर से सौंपे गए इस ज्ञापन को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने यह माना था कि हरियाणा में निजी स्कूल प्रबंधक सीबीएसई, हुडा व शिक्षा नियमावली 2003 के सभी नियम कानूनों का उलंघन करके छात्र वा अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं और उनकी सरकार इसको रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री को सौंपे गए इस ज्ञापन को एक साल हो गए हैं। मंच की ओर से उन्हें कई पत्र लिखकर उनके वायदे को याद भी दिलाया गया है लेकिन आज तक हरियाणा सरकार द्वारा अभिभावकों के हित में कोई भी कार्यवाहीं नहीं की गई है उलटे मुख्यमंत्री उनके केविनेट मंत्री, सांसद, विधायक मनमानी कर रहे निजी स्कूलों के कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि बनकर उनका हौंसला बढ़ा रहे हैं।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री के फरीदाबाद आगमन पर मंच के पदाधिकारी व अभिभावक उनसे मिलने की कोशिश करते रहे तो पुलिस उनसे मिलने नहीं देती। और उनके साथा ज्यादती करती है मंच ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे मंच के पत्रों पर उचित कार्यवाहीं कराएं और मुख्यमंत्री से मंच के प्रतिनिधि मंडल को बातचीत करने के लिए समय देने के लिए कहें।