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नई दिल्ली, 20 मई (महेश गुप्ता): भारतीय जनता पार्टी का अगला निशाना उत्तर प्रदेश और पंजाब है जिसकी तैयारियां शुरू हो गईं हैं कल के परिणामों से भाजपा पार्टी खुश है। भाजपा ने पहुंच से दूर रहे असम को फतह कर लिया है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य की जीत ने भाजपा के लिए पूर्वोत्तर का द्वार खोल दिया है। भाजपा को चार राज्यों केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में हासिल सभी सीटों को जोड़ दिया जाये तो भी यह आंकड़ा बहुत छोटा होगा, लेकिन भाजपा के लिए यह पहला चुनाव है जब उसने केरल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी है। इससे पार्टी अपने दूरगामी लक्ष्य के एक कदम और नजदीक पहुंच गयी है।
भाजपा उत्तर प्रदेश की जंग हर हालत में फतह करने का प्रयास करेगी लेकिन उनकी राह में दो बड़े पत्थर हैं एक मायावती दुसरे अखिलेश, अब भाजपा इन्हें बौना दिखाने के लिए क्या प्रयास करती है समय ही बतायेगा। अंकगणित के हिसाब से देखें तो इन विधानसभा चुनावों में बेशक कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा सीटें हासिल की है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा पार्टी अमित शाह के कांग्रेस मुक्त भारत मिशन के दो कदम और नजदीक पहुंच गयी है। इन चुनाव परिणामों से भाजपा के लिए अगले साल पंजाब और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नये सिरे से रणनीति बनाने की राह साफ होगी।
इसके बावजूद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में जयललिता की वापसी यह दर्शाती है कि भाजपा को अपनी चुनावी रणनीति सिरे से तय करनी होगी। देश में मजबूत हो रही क्षेत्रीय ताकतों और खास कर उभर रहे गैर कांग्रेस फ्रंट के मद्देनजर ऐसा जरूरी हो गया है।
कल अमित शाह ने कहा था कि हम कांग्रेस मुक्त भारत की दिशा में दो कदम आगे बड़ गए हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत के लिए भाजपाईयों को बधाई दी थी । संभव है मोदी और शाह उत्तर प्रदेश और पंजाब की जीत के लिए अब मनन शुरू कर दें ।