पुलिस ने की तीन फाईनेंसरों तथा एक बिल्डर ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज
गिरफ्तारी के डर से फाईनेंसर विनोद मामा आदि फाईनेंसर हुए भूमिगत
फाईनेंसर बनाम इंवेस्टर मामले में मैट्रो प्लस का खुलासा, पार्ट-6
मैट्रो प्लस
बल्लभगढ़, 1 जून (नवीन गुप्ता): व्यापारी सतीश गोयल की आत्महत्या से बौखलाए उनके परिजनों तथा समर्थकों ने फाईनेंसर विनोद मामा के सैक्टर-9 स्थित उसकी कोठी पर सतीश गोयल का शव रख प्रदर्शन किया तथा जमकर नारेबाजी की। करीब 15-20 मिनट तक ही चल पाए इस घटनाक्रम के दौरान जैसे ही वहां अन्य निवेशक तथा लोगों का हुजूम जमा होने लगे तो एकाएक वहां फिल्मी स्टाईल में पहुंचे अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के एक पदाधिकारी तथा सतीश गोयल के जुंडली यार दिनेश गोला एडवोकेट और महेन्द्र सीमेंट वालों ने संभवत एक सुनियोजित चाल के तहत अफरा-तफरी मचाकर शव सहित सतीश गोयल के परिजनों को वहां से जबरन वापिस घर भेज दिया। इसका परिणाम यह निकला कि सतीश गोयल का शव रखकर आरोपियों का गिरफ्तार करने का जो प्रेशर पुलिस पर पड़ता वह प्रेशर ही खत्म हो गया। यहीं नहीं, सतीश गोयल द्वारा लिखे गए सुसाईड नोट के ना मिलने या फिर उसको गायब किए जाने को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यहां यह बात भी सामने आ रही है कि सतीश गोयल द्वारा जहर खाए जाने के बाद जो बाहरी व्यक्ति सबसे पहले उनके घर पहुंचा वह भी दिनेश गोला एडवोकेट था।
वहीं दूसरी तरफ थाना शहर पुलिस ने सतीश गोयल के बड़े बेटे राजीव गोयल की शिकायत पर फाईनेंसर विनोद मामा, एसआरएस ग्रुप, अमित मितल तथा डीके बर्तन वाले के खिलाफ व्यापारी सतीश गोयल को आत्महत्या करने के लिए उकसाने के आरोप में आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। गौरतलब रहे कि पंजाबी वाड़ा में अपनी पत्नी के साथ रहने वाले शहर के एक व्यापारी सतीश गोयल ने आज सुबह करीब छह बजे जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।
सतीश गोयल के बड़े बेटे राजीव गोयल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पिताजी सतीश गोयल पिछले दो-तीन महीने से परेशान थे। क्योंकि उन्होंने फाईनेंसर विनोद मामा, एसआरएस ग्रुप, अमित मितल तथा डीके बर्तन वाले आदि को जो रकम उधार दे रखी थी वो इन फाइनेंसरों ने उन्हें वापिस लौटाने से मना कर दिया था। राजीव का कहना है कि यह रकम उनके पिताजी ने अपने रिस्तेदारों तथा बहन-बेटियों से ले रखी थी जिसको कि वो उन्हें वापिस नहीं लौटा पाने के कारण शर्म महसूस कर रहे थे जिसके चलते वे परेशान थे। राजीव का आरोप है कि इसी शर्म तथा फाईनेंसरों द्वारा पैसा वापिस नहीं लौटाने के कारण उनके पिताजी ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली। राजीव ने पुलिस से उन फाईनेंसरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है जिन्होंने उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया।
फाईनेंसर बनाम इंवेस्टर मामले में जल्द ही फिर से देखिए पत्रकार नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट। पार्ट-7 में।
क्रमश: