Metro Plus News
फरीदाबादहरियाणा

दूसरे स्कूलों के प्रतिभावान छात्रों को फीस माफी का प्रलोभन देकर अपने स्कूलों में दाखिला दे रहे हैं निजी स्कूल

मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 01 जून (महेश गुप्ता): निजी स्कूलों में मनमानी का दौर जारी है। अभिभावकों ने हरियाणा अभिभावक एकता मंच को स्कूलों की एक और मनमानी की जानकारी प्रदान की है। निजी स्कूल प्रंबधक दूसरे स्कूलों के उच्च अंक प्राप्त 10वीं के उत्र्तीण छात्रों को फीस माफी का प्रलोभन देकर अपने स्कूल में 11वीं में दाखिला दे रहे है, जबकि अपने स्कूल के कम अंक प्राप्त उर्तीण छात्रों को अपने स्कूल से निकाल रहे हैं या उन्हें मनचाहे विषय में दाखिला नहीं दे रहे है। मंच ने स्कूल प्रबंधकों को उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय का हवाला देते हुये कहा है कि वे अपने स्कूल के 10वीं के उत्र्तीण छात्रों को उनके मनचाहे विषय में दाखिला दें। ऐसा न होने पर दोषी स्कूलों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया जायेगा।
मंच के जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि जिन छात्रों ने दसवीं की कक्षा में 10 जीपी ग्रेड लेकर परीक्षा उत्तीर्ण की है ऐसे छात्रों की खोज स्कूल प्रबंधक गली-गली में कर रहे हैं और उनके अभिभावकों को यह प्रलोभन देकर कि वे अपने छात्र का 11वीं में दाखिला उनके स्कूल में मनचाहे विषय में कराएं, उनकी फीस माफी में छुट दी जायेगी। स्कूल प्रंबधक अपने स्कूल के 50 से 70 प्रतिशत अंक प्राप्त उत्र्तीण छात्रों के अभिभावकों को बुलाकर कह रहे है कि वे अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लें क्योंकि उनके नंबर कम आये हैं। जबकि वह छात्र लगातार कई सालों से उसी स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। कुछ स्कूल प्रबंधक कम अंक प्राप्त उत्तीर्ण छात्रों को जबरदस्ती आर्टस व कार्मस विषय में दाखिला लेने को मजबूर कर रहे हैं। ऐसा करके वे उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय का उल्लंघन कर रहे हैं।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि उच्चतम न्यायलय ने राजबीर-प्रति- प्रधानाचार्य 2000, गुजरात-61 नाम से दायर एक याचिका के संदर्भ में आदेश जारी किया था कि विद्यालय कम अंक को लेकर उत्र्तीण होने वाले विद्यार्थिओं को अगली कक्षा में प्रवेश देने से इन्कार नहीं कर सकते। विद्यालयों को यह छुट नहीं दी जा सकती कि वह अपने ही छात्रों को प्रवेश देने से इंकार कर दें और दूसरे विद्यालय के अच्छे अंकों के उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश दे दें। विद्यालयों को यह भी अधिकार नहीं है कि वह इस संदर्भ में अपनी इच्छा अनुसार प्रवेश के लिये अनुपात को निर्धारित करें। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि अगर कोई स्कूल उनके छात्र को 11वीं में प्रवेश देने से मना करता है तो वे तुरंत संबधित प्रिंसिपल के नाम एक लिखित शिकायत दर्ज करायें और उनकी एक प्रति मंच को दे। मंच उनकी पूरी मदद करेगा।



Related posts

HUDA प्रशासक सोनल गोयल को किया राज्यपाल ने सम्मानित

Metro Plus

जाट समाज द्वारा मनीष नरवाल को सम्मानित किया गया

Metro Plus

फोर्टिस हॉस्पिटल ने लिया नदी अभियान में सहयोग का संकल्प

Metro Plus