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चंडीगढ़, 19 जुलाई (महेश गुप्ता): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ० अशोक तंवर ने भाजपा की ओर से नए लोकायुक्त की नियुक्ति को असंवैधानिक एवं गैर-लोकतांत्रिक बताते हुए सरकार से आग्रह किया है कि इस नियुक्ति को न किया जाए। डॉ० तंवर मंगलवार को सिरसा में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी ट्रिब्यूनल में नियुक्त व्यक्ति किसी अन्य ट्रिब्यूनल में तो नियुक्त किया जा सकता है मगर उसे लोकायुक्त पद की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती क्योंकि ऐसा विधेयक में उल्लेख है, इसलिए इस नियुक्ति को हर लिहाज से चैलेंज किया जा सकता है।
डॉ० अशोक तंवर ने कहा कि अनेक पूर्व न्यायाधीश ऐसे हैं जिनका ट्रेक रिकॉर्ड बेहद अच्छा है मगर ट्रिब्यूनल के व्यक्ति को लोकायुक्त पद पर नियुक्त करना गैर-तार्किक है। उन्होंने प्रदेशभर में राज्य सरकार की ओर से सीएम सुशासन सहायक की नियुक्तियों के बारे में कहा कि जैसे पिछले करीब दो सालों के भीतर सीएम विंडो कार्यप्रणाली का हश्र हुआ है और उसका कोई परिणाम नहीं निकला है ठीक वैसी ही लागू की जा रही इन नवीन प्रणालियों का भी कोई नतीजा नहीं निकलने वाला। उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्तियों से अफसरशाही में भी गुस्सा पनपेगा क्योंकि प्रदेशभर में अफसरशाही पिछले लंबे समय से और व्यापक अनुभव के आधार पर काम कर रही है। अब ऐसे में सुशासन सहायकों की नियुक्ति में असमंजस की स्थिति पैदा होगी कि अफसर उन्हें रिपोर्ट करेंगे अथवा उनसे रिपोर्ट लेंगे।
डॉ० अशोक तंवर ने कहा कि राज्य सरकार को आमजन की बेहतरी के लिए सुधार के कार्यक्रमों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने रोहतक जिले में पहले से ही गैंगरेप की पीडि़ता के साथ दूसरी बार गैंगरेप की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार को और खासकर पुलिस प्रशासन को चुस्त दुरूस्त बनाने की आवश्यकता है जिससे ऐसी घिनौनी घटनाएं न घट सकें। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए जो भाजपा सरकार अभी तक आ नहीं रही है इससे ही अपराधियों के हौसलें बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन पर नकेल न कसे होने के कारण ही आज पूरे प्रदेश में हत्याए छीना-झपटी, लूटपाट, बलात्कार जैसे अपराधों में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि आज प्रदेश का सभी वर्ग सड़कों पर प्रदर्शन करने पर आमादा है। कभी गेस्ट टीचर तो कभी जेबीटी टीचर कभी बिजली निगम के कर्मचारी तो कभी सर्राफा का काम करने वाले व्यापारी। प्रत्येक वर्ग का इस सरकार से मोहभंग हो चुका है।
उन्होंने कहा कि जिले भर में किसानों की जो फसलें सफेद मक्खी और ओलावृष्टि से खराब हो गई थी। उन्हें आज तक उचित मुआवजा नहीं मिल सका है। ऐसे में भाजपा का कथित किसान हितैषी चेहरा बेनकाब हो गया है। नवजोत सिंह सिद्धु के राज्यसभा से इस्तीफा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिद्धु भाजपा से उसी दिन से खफा चल रहे थे जब अमृतसर से भाजपा ने उनकी टिकट काट दी थी। अब भाजपा को उनकी नाराजगी झेलनी पड़ेगी।