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चंडीगढ़/फरीदाबाद, 27 जुलाई (नवीन गुप्ता): हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने आज विभिन्न शहरी सम्पदाओं में विभिन्न आय समूहों के विभिन्न वर्गों के लिए प्रत्येक नागरिक को छत्त मुहैया करवाने के मद्देनजर आवासीय प्लाट उपलब्ध करवाने के लिए ग्रुप हाउसिंग योजना की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये, जिनमें राज्य के आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के लिए अधिपत्य प्रमाणपत्र लेने के लिए मालिकों को एक मुश्त छूट, 14 मरला के प्लाटों के आवासीय परिसर में चलाए जा रहे नर्सिंग गृहों के लिए नीति दिशानिर्देश, हुडा के शॉपिंग सेंटरों में शॉप-कम-फ्लैट को शॉप-कम-ऑफिस में बदलना और राज्य में विभिन्न शहरी सम्पदाओं में हुडा द्वारा निर्मित कम खर्च की इकाइयों के आबंटन के लाभार्थियों की पात्रता और नियमों को निर्धारित करने के सम्बन्ध में संशोधन नीति का निर्णय शामिल है। यह सभी निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 111वीं बैठक में लिए गये।
ग्रुप हाउसिंग योजना के अनुसार विभिन्न शहरी सम्पदाओं में ग्रुप हाउसिंग प्लाटों के विभिन्न साइज को चिह्नित किया जाएगा। योजना के तहत ग्रुप हाउसिंग स्थलों के अलावा 75 प्रतिशत साइट नई ग्रुप हाउसिंग योजना में शामिल की जाएगी, जबकि 25 प्रतिशत साइट राज्य और केन्द्र सरकार के विभागोंं, बोर्डों और निगमों तथा उपक्रमों के स्टाफ की कालोनियों को निर्मित करने के लिए आरक्षित रखी जाएगी। नीति के अन्तर्गत उसी शहरी सम्पदा में उस व्यक्ति के पास अपना और अपने पति-पत्नी के नाम से कोई घर, फ्लैट नहीं होना चाहिए। हुडा की विभिन्न शहरी सम्पदाओं में ग्रुप हाउसिंग साइट की बिक्री ई-नीलामी से की जाएगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के लिए अधिपत्य प्रमाणपत्र लेने के लिए मालिकों को एक मुश्त छूट दी गई है। यह सुविधा वर्ष 2001 की नीति की तर्ज पर आवासीय और वाणिज्यिक भवनों को विशेष अवधि 15 अगस्त से 31 दिसम्बर, 2016 तक राज्य के गठन के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में दी गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस छूट को अधिक से अधिक प्रसारित किया जाए ताकि अधिक से अधिक आबंटी इसका लाभ उठा सकें।
प्राधिकरण ने हुडा केे उन सैक्टरों में जहां एक कनाल के प्लाट का प्रावधान नहीं है, उस स्थिति में 14 मरला के प्लाटों के आवासीय परिसर में चलाए जा रहे नर्सिंग गृहों के लिए नीति दिशानिर्देश भी स्वीकृत किए हैं। नीति के अनुसार आवासीय परिसरों में नर्सिंग होम चलाने के लिए उन्हें ही अनुमति दी जाएगी, जिनके परिसर का कम से कम साइज 350 वर्ग गज अर्थात 14 मरला हैं और कम से कम 24 मीटर चौड़ी सड़क के सम्मुख है। वहीं शहरी सम्पदाओं या सैक्टरों में मध्यम और कम घनत्व के क्षेत्रों में केवल उन्ही आवासीय परिसरों को अनुमति दी जाएगी, जिनके पास कम से कम 250 वर्ग गज या 10 मरला प्लाट का साइज है और कम से कम 18 मीटर चौड़ी सड़क के सम्मुख है।
बैठक में हुडा के शॉपिंग सेंटरों में शॉप-कम-फ्लैट को शॉप-कम-ऑफिस में बदलना को भी मंजूरी दी गई है। बैठक में बताया गया कि हुडा की विभिन्न शहरी सम्पदाओं में 1173 शॉप-कम-फ्लैट हैं और इन सभी को शॉप-कम-ऑफिस में बदलने से लगभग 190.27 करोड़ रुपये की राशि सृजित होगी। बैठक में यह भी बताया गया कि हुडा के वाणिज्यिक क्षेत्रों में पार्किं ग एरिया को बढाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। इसकेे अलावा, मल्टी स्टोरी पार्किं ग भी विकसित की जाएगी ताकि वाणिज्यिक क्षेत्रों में पर्याप्त पार्किं ग स्थल सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा, प्राधिकरण ने राज्य के विभिन्न शहरी सम्पदाओं में हुडा द्वारा निर्मित कम खर्च की इकाइयों के आबंटन के लाभार्थियों की पात्रता और नियमों को निर्धारित करने के सम्बन्ध में संशोधन नीति को स्वीकृत किया है। नीति के अन्तर्गत हरियाणा की आर्थिक कमजोर वर्ग श्रेणी के अन्तर्गत लाभार्थियों को ही यह आबंटन किया जाएगा, जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, ग्राम एवं आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी राघवेंद्र राव, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजन गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव देवेन्द्र सिंह, हुडा के मुख्य प्रशासक विकास गुप्ता, हुडा के सचिव विराट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।o
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