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चण्डीगढ़, 14 सितंबर (नवीन गुप्ता): हरियाणा पर्यटन की प्रधान सचिव डा० सुमिता मिश्रा के तीसरे काव्य संग्रह वक्त के उजाले में का विमोचन हरियाणा के राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी ने हरियाणा राजभवन में किया। इस अवसर पर डा० सुमिता मिश्रा माता जी प्रो०पी.के. मिश्रा तथा पुस्तक के प्रकाशक विशेष तौर पर मौजूद थे। इस लोकार्पण में चण्डीगढ़ साहित्य अकादमी के वाईस चेयरमैन माधव कौशिक ने इस पुस्तक पर अपना समीक्षात्मक व्याख्यान दिया तथा श्रीमती रिंकू कालिया ने इस संग्रह की चुनिंदा कविताओं को स्वर प्रदान किया। प्रभात प्रकाशन की ओर से आयोजित इस समारोह में शहर के प्रख्यात साहित्यकार एवं उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।
गौरतलब रहे कि इससे पूर्व भी डा० सुमिता मिश्रा के दो काव्य संग्रह-ए लाइफ ऑफ लाइट तथा जरा सी धूप प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें सुधी पाठकों द्वारा बड़ा पसंद किया गया। वक्त के उजाले में काव्य संग्रह में 61 कविताएं हैं। मर्मस्पर्शी भाषा शैली में लिखी सभी कविताएं रुचिकर और प्रेरणादायक हैं।
इस काव्य संग्रह की कविताओं में डा० सुमिता मिश्रा ने आज के समाज तथा समय के सभी अन्र्तविरोधों तथा विसंगतियों पर रुचिकर ढंग से प्रकाश डाला है। इनके इस काव्य संग्रह में हमारे आसपास का माहौल दृष्टिïगोचर होता है। इन कविताओं में आम आदमी की मुश्किलों, उसकी उम्मीदों तथा आकांक्षाओं के साथ जिन्दगी के जद्दोजहद को भी आवाज प्रदान की गई है। इन कविताओं की पृष्ठïभूमि में वैश्विक चिंतन के साथ-साथ समाज में नैतिक मूल्यों के पतन पर भी रचनाकार ने सार्थक टिप्पणी दर्ज की है।
नए साल में नया क्या है? शीर्षक कविता में लेखिका ने साल बदलने पर एक आम आदमी के मनोभावों का बड़े स्टीक शब्दों में वर्णन किया है।
‘नए साल में नया क्या है?
पुराने सालों का वही सिलसिला है,
थके से ख्यालों का वही काफिला है,
जि़ल्लत भरे बदहालों का वही जलजला है।
पाठकों को अपने साथ बहा ले चलने में पूर्ण रूप से समर्थ कविताएं वास्तविकता के एकदम निकट हैं। स्टीक शब्द योजना, अद्भुत कल्पना और सार्थक उपमा इन कविताओं की कला का विशेष गुण हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी डा० सुमिता मिश्रा की अंग्रेजी और हिन्दी, दोनों भाषाओं में कविताएं कई अंर्तराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी अंग्रेजी कविताओं के संग्रह ए लाइफ ऑफ लाइट का प्रकाशन 2011 में और हिंदी कविता संग्रह जरा सी धूप का प्रकाशन 2013 में हुआ था। वे लेखन के साथ-साथ साहित्यिक गतिविधियों में भी गहन रुचि रखती हैं। वे चण्डीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी की संस्थापक अध्यक्ष है। इस सोसाइटी के तत्वावधान में चण्डीगढ़ में साहित्यिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।