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फरीदाबाद, 23 सितंबर (मोहित गुप्ता): नैक से ए ग्रेड मान्यता प्राप्त हरियाणा के पहले डेंटल कॉलेज ने पहले इंटरकोलैगिएट आर्थोडोन्टिक्स क्विज टोर्क 2016 का आयोजन किया। मानव रचना डेंटल कॉलेज एमआरडीसी के द्वारा यह आयोजन मानव रचना कैंपस में किया गया। इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से डेंटल कॉलेज हिस्सा लेने पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन आर्थोडोनटिक्स एंड डैंटोफेशियल आर्थोपेडिक्स विभाग के द्वारा आर्थोडोन्टिक्स स्टडी गु्रप ऑफ दिल्ली ओएसगोड व इंडियन आर्थोडान्टिक सोसायटी के द्वारा किया गया। क्विज में एम्स के ओर्थोडोन्टिक्स विभाग ने पहला स्थान पीजीआई रोहतक ने पहले रनरअप व सुधा रस्तोगी ने दूसरा रनरअप का खिताब हासिल किया।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि एम्स के सेंटर फोर डेंटल एजुकेशन के चीफ डॉ० ओपी खरबंदा मौजूद रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के डीन रही व डिपार्टमेंट ऑफ आर्थोडान्टिक की प्रो० व एचओडी डॉ० रागिनी पहुंची। इनके साथ मानव रचना डेंटल कॉलेज के एडवाइजर मेजर जनरल पीएन अवस्थी व एमआरडीसी के डॉयरेक्टर प्रिंसिपल डॉ० अरुणदीप सिंह मौजूद रहे।
कार्यक्रम को प्रतिभागियों का बहुत अच्छा रिस्पांस मिला। देश के अलग-अलग हिस्सों से 35 डेंटल कॉलेजों ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसमें मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज, अरबिंदो डेंटल कॉलेज, जीडीसी डेंटल कॉलेज, पीजीआईएमईआर डेंटल कॉलेज, सुधा रस्तोगी डेंटल कॉलेज, एम्स के ओर्थोडोन्टिक्स विभाग, पीजीआई रोहतक, पीजीआईएमईआर चंडीगढ, आर्मी डेंटल कॉलेज आदि ने हिस्सा लिया। इसके साथ अन्य राज्यों के भी कॉलेज शामिल रहे। इस मौके पर इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल स्टडीज एंड टेक्नोलोजी मोदीनगर के वाइस प्रेसिडेंट व एचओडी डॉ० पुनीत बतरा ने द आर्ट ऑफ रीडिंग एंड लर्निंग डयूरिंग पोस्ट ग्रेजुएशन इन आर्थोडोन्टिक्स पर लेक्चर दिया। इस मौके पर निरंतर डेंटल एजुकेशन प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया
कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए डॉयरेक्टर प्रिंसिपल डॉ० अरुणदीप सिंह ने कहा कि कार्यक्रम को मिला रिस्पांस बताता है कि यह डेंटल क्षेत्र के स्टूडेंट्स के लिए कितना लाभकारी होगा। इसका आयोजन आर्थोडोन्टिक्स के क्षेत्र में हुए नए बदलाव व उससे जुड़ी हर जानकारी से अवगत कराना है।
कार्यक्रम में सभी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ० ओपी अखरबंदा ने कहा कि ओर्थोंडोन्टिया एक बेहतर साइंस है, लेकिन इस क्षेत्र में ख्याति तभी प्राप्त होती है जब समाज के हर तबके को सेवाएं प्रदान की जाए और मरीजों के प्रति अच्छा रवैया अपनाए। उन्होंने ओर्थोडान्टिआ को सीएसआर के तहत गरीब तबके को लोगों के लिए काम करने का भी आग्रह किया।