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फरीदाबाद, 4 अक्टूबर (नवीन गुप्ता): श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर तिकोना पार्क में मंगलवार को नवरात्रों के चौथे दिन मां कूष्मांडा की भव्य पूजा अर्चना की गई। सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी पंडित ओमप्रकाश ने बताया कि सृष्टि की उत्पति से पहले जब चारों ओर अंधकार था और कोई भी जीव जंतु नहीं था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानि ब्राहमांड की रचना की थी। इसी कारण उन्हें कूष्मांडा कहा जाता है।
पंडित ओमप्रकाश के अनुसार सृष्टि की उत्पति करने के कारण इन्हें आदिशक्ति नाम से भी अभिहित किया जाता है। इनकी आठ भुजाएं हैं और ये सिंह पर सवार हैं। मां कूष्मांडा के सात हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमंडल, अमृत से भरा हुआ कलश, बाण और कमल का फूल है तथा आठंवे हाथ में जपमाला है जो सभी प्रकार की सिद्धियों से युक्त है। सूर्य के प्रभामंडल के अंदर इनका निवास होने से इनकी देह में भी प्रभा सूर्या की भांति दैदीप्यमान होती रहती है। इसलिए माना जाता है कि नवरात्र में इनकी पूजा अर्चना करने से साधक को तेज की प्राप्ति होती है।
मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना के अवसर पर मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें मां की चुनरी व प्रसाद भेंट किया। आज मंदिर में उद्योगपति आर.के बत्तरा, पूर्व विधायक चंदर भाटिया, नेतराम गांधी, राजू, दिनेश चित्तकारा, राहुल, अनिल भाटिया, गिर्राजदत्त गौड़, बीआर कथूरिया, प्रीतम धमीजा, फकीरचंद कथूरिया एवं अशोक नासवा ने माता रानी की पूजा में हिस्सा लिया।