स्मार्ट सिटीज व गांवों में जल संसाधन के बेहतर प्रयोग व जल संरक्षण के लिए रोड मैप किया गया तैयार
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 18 दिसम्बर (नवीन गुप्ता): मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) में इंडियन नेशनल कमिटी ऑफ इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ हाइड्रोलॉजिस्ट (आईएनसी ऑफ आईएएच) व म्युनसिपल कॉरपोरेशन फरीदाबाद (एमसीएफ) के सहयोग से नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप का आयोजन स्मार्ट सिटीज व गांवों में भूजल की भूमिका विषय पर किया गया। वर्कशॉप हरियाणा की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। वर्कशॉप का उद्वघाटन हरियाणा के माननीय राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी के द्वारा किया गया। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड के चेयरमैन केबी बिसवास, डीएसटी के एडवाइजर डॉ० संजय बाजपाई मौजूद रहे।
नेशनल वर्कशॉप का उद्वेश्य सरकारी संस्थाओं, रिसर्च इंस्टीट्यूट, उद्योगों, एनजीओ, संस्थाओं को एक माध्यम पर लाकर जागरुकता फैलाना रहा। स्मार्ट सिटीज व गांवों में भूजल की भूमिका पर सभी ने इस माध्यम पर अपने विचारों को रखा। इस मौके पर सावित्री चड्डा मैमोरियल आईएनसी-आईएएच अवार्ड दिया गया। 2 अवॉर्ड इंडियन हाइड्रोलॉजी के क्षेत्र में बेहतर करने वालों व एक अवार्ड इंडियन हाइड्रोलॉजी क्षेत्र में काम करने वाले यंग साइंटिस्ट को दिया गया। नई दिल्ली जेएनयू के प्रो० सोमित्रा मुखर्जी को एक्सीलैंस इन ग्राउंड वाटर साइंसिज, हैदराबाद एनजीआरआई प्रो० शकील अहमद ने ग्राउंड वाटर इंवैसटिगेशन एंड मैनेजमेंट वहीं सीजीडब्ल्यूबी भुवनेश्वर के डॉ० सुदर्शन साहु ने यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड प्राप्त किया।
इस मौके पर सभी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि माननीय प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि ग्राउंड वाटर पर आयोजित की गई नेशनल वर्कशॉप का हिस्सा बनना काफी संतुष्टिदायक है। स्मार्ट सिटीज के लोग स्मार्ट व संवेदनशील है। मैं मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी को तहे दिल से बधाई देता हूं कि उन्होंने बेहतर इंसार तैयार करने की सोच के साथ एक ऐसा माध्यम तैयार किया जहां अलग-अलग क्षेत्रों के लोग भू-जल के मुददे पर इक_े हुए।
वहीं इस मौके पर आईएनसी-आईएएच के प्रेसिडेंट व सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के चेयरमैन रहे चुके डॉ० डी.के. चड्डा ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती जल मैनेजमेंट है खासकर भूजल। 100 स्मार्ट सिटी बनाने के बाद अब अगला कदम 132 स्मार्ट गांव तैयार करना है। बेहतर साइंस व तकनीक के साथ बेहतर सीवरेज सिस्टम की मदद से यह गांव चुने जाएंगे। ऐसे में स्मार्ट सिटी में जल संरक्षण व जल संसाधनों का सही से प्रयोग होना बहुत जरूरी है।
भूजल के मुद्दों पर बोलते हुए मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के प्रेसिडेंट डॉ० प्रशांत भल्ला ने कहा कि स्मार्ट सिटीज के विकास के लिए बेहतर तकनीक से लेकर इसमें आमजन की भूमिका व अलग-अलग जरूरी मुद्दों पर जागरुकता फैलाने के उद्वेश्य में वर्कशाप सफल हुई है। यह वर्कशाप जल से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद करेगी। हरियाणा की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में शुरू की गई यह पहल बदलाव की लहर की ओर पहला कदम हैं।
वर्कशाप के निष्कर्ष में स्मार्ट सिटीज व गांवों में जल संसाधन के बेहतर प्रयोग व जल संरक्षण के लिए रोड़ मैप प्रस्तुत किया। यह मॉडल राज्य में सफल होने के बाद पूरे देश में भी लागू किया जा सकता है। इसी सोच के साथ मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में सेंटर फोर एडवांस्ड वाटर टेक्नोलोजी एंड मैनेजमेंट की शुरुआत लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए की गई है।
वर्कशाप में एमसीएफ कमिश्नर श्रीमति सोनल गोयल, जेएनयू की प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर सी० माहापात्रा, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड ईपीआई के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ० एसपीएस बख्शी, साइंटिस्ट, इंजीनियर्स, प्रोफेसर्स, रिसर्च स्कोलर्स व स्टूडेंट्स, आरडब्ल्यूए की प्रतिनिधित्व व अन्य संगठन के लोग मौजूद रहे।
कैशलैस लेनदेन की सरकारी पहल की गई लान्च
वर्कशाप में कैशलैस लेनदेन की सरकारी पहल लान्च की गई। लोगों को कैशलैस लेन देन के लिए जागरुक करने के लिए इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (ईपीआई) व मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के सहयोग से इस पहल को लान्च किया गया। कैशलैस लेनदेन की इस पहल को अलग-अलग माडल व एप्लीकेशन जैसे यूपीआईए यूएसएसडीए ई वालट, कार्डए पीओएस व एईपीएस आदि के द्वारा प्रयोग किया जा सकता है।
इस पहल के बारे में बताते हुए इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड (ईपीआई) के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ० एसपीएस बख्शी ने कहा कि ईपीआई लोगों को कैशलैस लेनदेन के लिए जागरुक करने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं इस पहल के बारे में बोलते हुए डॉ० प्रशांत भल्ला ने कहा कि मानव रचना इस सरकारी पहल में ईपीआई के साथ जुड़कर गौरांवित है। यह पहल लोगों को कैशलैस लेन देन के बारे में जागरुक करेगी।