फंडिग के लिए की नरेश गोंसाई द्वारा की गई कॉकटेल पार्टी बनी चर्चा का विषय
कॉकटेल पार्टी में ड्राईवर सन्नी ने भी दिया 2100 रूपये का चंदा
सरदार जसवंत सिंह भाजपा से तथा सतनाम सिंह बसपा से पार्टी उम्मीदवार
मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 21 दिसम्बर (नवीन गुप्ता): नगर निगम फरीदाबाद के चुनावी रणक्षेत्र में बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वार्र्ड नंबर-14 में चुनावी अभियान शुरू हो चुका है। यहां से चुनावी मैदान में जहां गुरू-चेला यानि पूर्व मंत्री ए.सी. चौधरी और पूर्व पार्षद नरेश गोंसाई आमने सामने है। वो बात अलग है कि निगम पार्षद का ये चुनाव ए.सी.चौधरी स्वयं ना लड़कर अपनी पुत्रवधू रोनिका को लड़ा रहे हैं। वहीं भाजपा ने यहां से सरदार जसवंत सिंह तथा बसपा ने सतनाम सिंह उर्फ मंगल को अपना उम्मीदवार बनाया है।
अब हम बात करते है गुरू-चेला की तो ए.सी.चौधरी के रहमोकरम पर दो बार स्वयं तथा एक बार अपनी पत्नी चारू गोंसाई को पार्षद बनवाकर सत्ता का सुख भोग चुके नरेश गोंसाई के लिए ये चुनाव जहां प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, वहीं ए.सी.चौधरी के लिए नगर निगम का यह चुनाव जीतना उनकी नाक का सवाल बन चुका है। कारण है उनके सामने अपने ही शार्गिद के खिलाफ चुनाव लडऩा। अगर किसी कारण नरेश गोंसाई चुनाव हार जाता है तो कोई बात नहीं, लेकिन यदि रोनिका चौधरी चुनाव हार जाती है तो यह दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके ए.सी.चौधरी के लिए उनके मुंह पर एक जोरदार तमाचा होगा।
जानकारों का कहना है कि ए.सी.चौधरी ने निगम का यह छोटा सा चुनाव जीतने के लिए दिन-रात एक किया हुआ है। बताते है कि इसके लिए वो वार्ड-14 में घर-घर जाकर जहां अब तक अपने किए की माफी मांगते हुए अपनी पुत्रवधु के लिए वोट मांग रहे हैं, वहीं इस चुनाव को जीतने के लिए पैसा भी पानी की तरह अपने चापलुस समर्थकों पर बहा रहे हैं ताकि किसी भी तरह इन चुनावों में उनकी इज्जत बच जाए। इसका एक कारण यह भी है कि वो किसी भी कीमत पर नरेश गोंसाई से यह चुनाव हारना नहीं चाहते क्योंकि वो नहीं चाहते कि उन्हें उस व्यक्ति के आगे झुकना पड़े जोकि कुछ समय पहले तक उनके रहमोकरम पर जिता था।अगर हम बात करें चुनाव में खड़ी रोनिका चौधरी की तो समाज और क्षेत्र में उनको कोई नहीं जानता-पहचानता। ध्यान रहे कि रोनिका चौधरी पूर्व मंत्री ए.सी. चौधरी के पुत्र विनय चौधरी के पुत्र की धर्मपत्नी है जिसको ए.सी. चौधरी अब अपनी विरासत के रूप राजनैतिक तौर पर तैयार कर रहे हैं।
और अब अगर हम बात करें नरेश गोंसाई की तो उसने भी चुनावों में ए.सी. चौधरी को नीचा दिखाने तथा चुनाव जीतने के लिए दिन-रात एक किया हुआ है। हालांकि नोटबंदी के चलते खर्चे की समस्या आ रही थी, लेकिन एक राजनीतिज्ञ की तरह गोंसाई ने उसका भी हल निकाल लिया। बताते है कि नरेश गोंसाई ने चुनाव जीतने के लिए खर्चे की समस्या को दूर करने के लिए रविवार 18 दिसम्बर की रात को कुछ लोगों की एक बैठक बुलाकर उनकी कॉकटेल पार्टी की थी। इस पार्टी में आए लोगों या कहिए फाईनेंसरों से चुनाव में आर्थिक मदद करने के लिए दवाब डाला गया। सुत्रों के मुताबिक इस पर वहां आए लोगों को चाहते ना चाहते हुए भी फाईनेंस करने यानि चुनाव में फंडिग करने के लिए हां कर अपने द्वारा दी जाने वाली रकम रजिस्ट्रर में नोट करवानी पड़ी।
बात यहीं खत्म हो जाती तो अलग बात थी। फाईनेंसरों की इस फंडिग की पार्टी की बात तो तब खुली जब यहां से शराब पीकर अपने घर पहुंचे सन्नी नामक व्यक्ति जोकि इनके यहां ड्राईवरी का काम करता था, ने जब घर जाकर बताया कि आज नरेश गोंसाई ने शराब की पार्टी दी था और गोंसाई ने उससे चुनावी चंदे के लिए 2100 रूपये की हां भरवाकर उसका नाम रजिस्ट्रर में लिख लिया है। बताते है कि इस पर सन्नी के घरवालों से उसकी पिटाई कर दी। सुबह सन्नी गोंसाई के समर्थकों पर रजिस्ट्रर में से अपना नाम कटवाने के लिए धक्के खाता रहा लेकिन किसी ने उसकी बात पा सुनी।
जो भी हो, कुल मिलाकर वार्ड नंबर-14 का चुनाव गुरू-चेले के बीच होने के कारण बड़ा दिलचस्प बना हुआ है।
रही बात संदीप कौर और सरदार जसवंत सिंह की तो भाजपा की टिकट तो जसवंत सिंह को मिल चुकी है और संदीप कौर फिलहाल तो बिना टिकट चुनाव लडऩे के लिए हिम्मत नहीं जुटा पर रही है।
वहीं बसपा उम्मीदवार सतनाम सिंह उर्फ मंगल के बारे में चर्चा है कि वो अंदरखाने ए.सी.चौधरी के लिए वोट मांगने का कार्य कर रहे हैं। इसमें कितनी सच्चाई है ये तो वा ही जाने। हालांकि मंगल ने इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा है कि वो किसी कीमत पर नहीं बैठेंगे। बल्कि उनका कहना था कि ए.सी.चौधरी तो नरेश गोंसाई को चुनाव हराना चाहते है, इसके लिए वो उल्टे हमारी चुनावों में मदद करेंगे। बकौल सतनाम वो अपने समर्थकों से बात कर 23 या फिर 26 दिसम्बर को अपना नामांकन भरेंगे। -क्रमश: