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फरीदाबाद, 24 दिसम्बर (नवीन गुप्ता): सैक्टर-2 स्थित विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने क्रिसमस का पर्व खुशी और उत्साह के साथ मनाया। शिक्षिकाओं ने बच्चों को क्रिसमस के धार्मिक महत्व की जानकारी दी। इसके अलावा ईसा मसीह के जीवन के बारे में भी बताया। यहां सेंटा क्लॉज बने बच्चों ने सबका मन-मोह लिया। बच्चों ने क्रिसमस से संबंधित कविता व गीत सुनाए।
इस अवसर पर प्रैप के बच्चों ने जीसस के जन्म की सुंदर नाटयांक प्रस्तुत किया। ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के बच्चों ने गीत की प्रस्तुति दी। कक्षा नर्सरी के छात्रों ने डांस कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसमें कोई आकर्षक वेश-भूषा में पिता जोसेफ, कोई माता मरियम, तो कोई गड़रिया की भूमिका में था। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद केक काटकर क्रिसमस व नववर्ष की शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर डॉयरेक्टर दीपक यादव ने कहा कि क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। ईसाई समुदाय के लिए इस त्योहार का वही महत्व है जो हिंदुओं के लिए दशहरा तथा दीपावली का है। यह त्योहार विश्वभर में पवित्रता का संदेश लाता है तथा उच्च आदर्शों पर चलने हेतु प्रेरित करता है। इस दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म इसी शुभ तिथि में हुआ था। ईसा मसीह ऊंच-नीच के भेदभाव को नहीं मानते थे। अत: क्रिसमस का पावन पर्व भी किसी एक का नहीं अपितु उन सभी का है जो उनके सर्मथक हैं तथा उन पर आस्था रखते हैं।
इस अवसर पर स्कूल की हेडमिस्टरेस ज्योति चौधरी ने कहा कि क्रिसमस दूसरों के साथ प्रेम, आनंद और शांति बांटने का त्योहार है। क्रिसमस समस्त मानव समुदाय को यीशु की तरह अपने कार्यों से दूसरों के जीवन में खुशियां बांटने का संदेश देता है। इसलिए खासकर गरीबों, लाचारों, अनाथों की सेवा के लिए आगें आएं और शोषितों, दलितों के लिए न्याय की आवाज बनें।
क्रिसमस सही मायने में ईश्वर से प्राप्त प्रेम, आनंद और खुशियां बांटने के लिए हृदयों को खोलने का उत्सव है। यह जाति, धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर समस्त मानवता की सेवा के लिए है। हमें धर्म, जाति, संप्रदाय के नाम पर आपसी रंजिश और नफरत को दूर-किनारे कर मानवीय मूल्यों के साथ आगें बढऩे की जरूरत है। इस अवसर पर स्कूल के अध्यापकगण एवं अभिभावक भी मौजूद थे।