मैट्रो प्लस
फरीदाबाद, 11 जनवरी (नवीन गुप्ता): हर साल 10 जनवरी को डायटेटिक्स दिवस का आयोजन देशभर में किया जाता है। सभी को बेहतर स्वास्थ्य व पौष्टिकता का पाठ पढ़ाने के उद्देश्य के साथ इस साल भी मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एमआरआईयू) में इसका आयोजन किया गया। यह आयोजन एमआरआईयू के फैकल्टी ऑफ एप्लाइड साइंसिज (एफएएस) के न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स विभाग के द्वारा किया गया। इस साल की थीम बेहतर आहार के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए आहार विशेषज्ञ से संपर्क करना रखा गया था। यहीं थीम देश भर के अस्पतालों, संस्थानों व संगठनों के द्वारा अपनाई गई।
इस दिन के उपलक्ष्य में मानव रचना में अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित किए गए सेमीनार में टाइप 2 डायबिटीज के बारे में फैकल्टी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की असिस्टैंड प्रोफेसर डॉ० शिल्पा के द्वारा जानकारी दी गई। उन्होंने डायबिटीज के प्रभाव, प्रकार व उसके इलाज के बारे में बताया। उन्होंने अच्छे आहार के साथ डायबिटीज के इलाज पर भी प्रकाश डाला।
सेमीनार के बाद जुम्बा सैशन का आयोजन भी किया गया। इस सैशन का आयोजन स्टूडेंट्स को शारीरिक गतिविधियों के साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरुक करना रहा। केवल यहीं नहीं इसके अलावा अलग-अलग रंगों के भोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पोस्टर, चार्ट, एप्लीकेशन बनाने, फ्लैशकार्ड, लीफ्लैट आदि गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसके साथ डाइट को याद रखने के लिए क्या किया जा सकता है विषय पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके साथ-साथ बिना आग की कुकिंग के साथ हेल्थी रैस्पी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस मौके पर हेल्थ बड्डी के द्वारा हेल्थ काउंसलिंग का आयोजन भी किया गया। इन गतिविधियों के बाद न्यूट्रिशन चैलेंज क्विज का आयोजन किया गया। अलग-अलग प्रतियोगिताओं में विजयी स्टूडेंट्स को एमआरईआई के ट्रस्टी डॉ० एमएम कथूरिया व डीन डॉ० जीएल खन्ना ने पुरस्कृत किया।
इस मौके पर सभी को संबोधित करते हुए एमआरआईयू फैकल्टी ऑफ एप्लाइड साइंसिज के (एफएएस) डीन प्रोफेसर डॉ० जीएल खन्ना ने कहा कि मानव रचना संस्थान हमेशा से बेहतर स्वास्थ्य की सोच के साथ बेहतर राष्ट्र निर्माण का उद्देश्य रखता है। हर साल डायटेटिक्स डे का आयोजन यूनिवर्सिटी में किया जाता है। मोटापा व डायबिटीज लगातार बढ़ रही है, ऐसे में केवल अच्छे खान-पान के साथ ही इसको कंट्रोल किया जा सकता है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वह अपने व अपनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखे और इस क्षेत्र के स्टूडेंट्स इसके लिए जागरुकता फैलाने में अहम भूमिका निभाएं।