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पलवल, 17 जनवरी (नवीन गुप्ता/देशपाल सौरोत): ओमेक्स सिटी स्थित बेसिल वल्र्ड स्कूल में बीती रात आयोजित वार्षिक उत्सव शक्ति (वोमेन पावर) नामक कार्यक्रम में बच्चों ने खूब रंग जमाया। कार्यक्रम में जहां लघु नाटिका के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे को बढ़ावा देते हुए बेटियों की शिक्षा पर बल दिया गया। वहीं दहेज रूपी दानव व कन्या भ्रूण हत्या पर भी जमकर चोट की गई।
इसके अलावा कार्यक्रम में स्कूली बच्चों द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश के विभिन्न प्रान्तों की संस्कृति की अलग-अलग छटा बिखेरते हुए विभिन्न्ता में एकता का संदेश देकर बच्चों ने अपने अभिनय व अद्भुत कला से अपना लोहा मनवाया। स्कूली उत्सव में बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए मार्शल आर्ट व जूड़ो-कराटे का भी भव्य प्रदर्शन किया गया। वहीं बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति सजग करने के लिए करो योगा रहो निरोगा नामक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के चेयरमैन नेत्रपाल अधाना ने की। जबकि संचालन की भूमिका स्कूल के दो छोटे-छोटे बच्चों प्रियांशी व भव्य ने अपने अनोखे अंदाज में अंग्रजी में किया। कार्यक्रम में अतिथियों के पहुंचने पर पिं्रसीपल रचना जुनेजा द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। वहीं समारोह की शुरूआत सरस्वती वंदना व समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए चेयरमैन नेत्रपाल अधाना ने कहा कि शिक्षा ही मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र होता है इसलिए बच्चों को दिल्ली-मुम्बई जैसे महानगरों के बड़े-बड़े स्कूलों की भांति उच्च क्वालिटी की शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें खेलों व कल्चरल एक्टीविटी में पूर्णरूप से दक्ष करने के साथ-साथ बच्चों में समाजसेवा की भावना उत्पन्न करने व उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना ही उनका पहला लक्ष्य है। जिसके लिए उन्होंने पहले वर्ष में पूरा प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि स्कूल में शूटिंग रेंज बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है तथा पलवल जिले की यह पहली शूटिंग रेंज होगी। जिसमें अंर्तराष्ट्रीय स्तर के कोच की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जल्द ही बच्चों के अभिनय में निखार लाने के लिए ड्रामा एवं एक्टिंग टीचर की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षा से किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाता। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद व दूसरी अन्य कल्चरल गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने बच्चों को आत्मरक्षा के लिए भी प्रेरित किया।