मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
सूरजकुंड/फरीदाबाद, 7 फरवरी: फूल किसे अच्छे नहीं लगते हैं, लेकिन आजकल शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास भी इतना समय नहीं हैं कि वह अपने और अपने परिवार या किसी दोस्त इत्यादि के लिए असली फूलों का प्रयोग करके कोई उपहार दे सकें। इसलिए हरियाणा स्वर्ण जयंती 31वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेेले में लोगों को इस उबासी भरी लाईफ से दूर करने के लिए उन फूलों को हाथों से तैयार किया गया है जो बड़े-बड़े शहरों में उपलब्ध नहीं होते है।
इन फूलों में गुलाब, लीली, गुजदेदी, कमल इत्यादि ऐसे फूल हैं जो हाथों से तैयार किए गए हैं। इसी प्रकार हाथ से इन फूलों के बीच पत्तियां और अन्य छोटे फूल भी तैयार किए गए हैं जो देखने में अद्भुत लग रहे हैं।
थीम राज्य झारखण्ड के रांची से आए अजय कुमार ने बताया कि वे इस मेले में पहली बार शिरकत कर रहे हैं और उनके यहां हाथों से इन फूलों को तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन फूलों को तैयार करने के लिए हालांकि काफी समय लगता है लेकिन जब उनके फूलों को कोई खरीदता है तो उन्हें व उनके साथ लगे इस काम में लोगों को एक प्रकार का आत्मबल और आत्मनिर्भरता का एहसास होता है।
उन्होंने बताया कि उनको इस मेले मे ओपन स्टॉल की एक जगह उपलब्ध करवाई गई हैं लेकिन फिर भी लोगों की रूचि इन फूलों को देखते ही बनती हैं और लोग इन फूलों को देखकर खींचे ही चले आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन फूलों को देखते हुए पुरूष और महिला के साथ-साथ परिवार के सभी लोग इन फूलों को देख रहे हैं और खरीद रहे है। उन्होंने बताया कि उनकेइस स्टॉल में 20 रुपए से लेकर 40 रुपए तक के फूलों की डंडियां लोगों के लिए रखी गई है।
इन फूलों के तैयार करने के संबंध में उन्होंने बताया कि इन फूलों को कागज, कपड़ा और नेचुरल रंगों से तैयार किया जाता है और यह बहुत ही नेचुरल दिखाई देने वाले फूल होते है। उन्होंने बताया कि अभी तक तीन दिन हुए हैं और आज चौथा दिन है लेकिन अब तक वे कुल लगभग 10 हजार रूपए की बिक्री कर चुके हैं। उन्हें उम्मीद हैं कि आगामी दिनों में मेले में उनकी और अधिक बिक्री होगी।