मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
सूरजकुंड/फरीदाबाद, 8 फरवरी: अंर्तराष्ट्रीय स्तर के कहे जाने वाले इस बार के हरियाणा स्वर्ण जयंती 31वें सूरजकुंड क्राफ्ट मेले की सफलता के लिए के लिए वैसे तो शासन-प्रशासन ने पूरी एड़ी चोटी को जोर लगा रखा है। मेले में आने वाली आम जनता के मनोरंजन के नाम पर चौपाल पर लाखों-करोड़ों रूपये की सरकारी रकम खर्च कर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है। वो बात अलग है कि चौपाल पर आम जनता की बजाए मेला देखने आए सरकारी तंत्र के खास पर्यटकों तथा वीवीआईपी अतिथियों का ही जमावड़ा रहता है। पूरा सरकारी तंत्र जहां इन खास मेहमानों की आवाभगत व चापलूसी में चौपाल में लगा कभी भी देखा जा सकता हैं, वहीं जिस आम जनता के नाम पर चौपाल पर ये रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं, वो लोग मेले में पीछे की दीर्घा में भी बैठे नजर नहीं आते हैं। ज्यादातर समय पीछे की जगह खाली ही रहती है और आगे वाली सीटों पर सरकारी तंत्र के वीवीआईपी अतिथियों का कब्जा रहता है और पर्यटन निगम के अधिकारी उनकी जी-हजूरी करते नजर आते हैं।