Metro Plus News
उद्योग जगतदिल्लीफरीदाबादराजनीतिराष्ट्रीयहरियाणा

भारत से छिना दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा, मोदी राज 2017 में सबसे कम जीडीपी ग्रोथ

मैट्रो प्लस से मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 2 जून: भारत की जीडीपी दर 2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी रही,जबकि इसी तमाही में चीन की जीडीपी दर 6.9 फीसदी रही।भारत की जीडीपी दर साल 2016-17 में 7.1 फीसदी पर आ गई है। इसी के साथ भारत से दुनिया की सबसे तेज बढऩे वाली अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2017 में जीडीपी सबसे कम रही है।
नोटबंदी के कारण देश की जीडीपी दर जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी रही। इससे पूरे वित्त वर्ष में वृद्धि दर तीन साल के सबसे निचले स्तर 7.1 फीसदी पर आ गयी। मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र और सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि की गति धीमी हुई है। यह आंकड़ा ऐसे समय आया है जब मोदी सरकार तीन साल पूरा होने का जश्न मना रही है। वित्त वर्ष 2015-16 में देश की जीडीपी 8 फीसदी और इससे पहले वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी रही थी। कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद 2016-17 में वृद्धि दर कम हुई है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6.9 फीसदी रही। भारत ने पहली बार 2015 में जीडीपी वृद्धि के मामले में चीन को पीछे छोड़ा था।
इस मौके पर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य ने कहा कि इसकी तो उम्मीद थी। नोटबंदी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर थी। हालांकि राजनेता इसे एक सुधार के रूप में देख रहे हैं। अभी भी यह आंकड़े नोटबंदी के समय की उस पूरी आपदा की कहानी को नहीं बताते हैं। इन आंकड़ों में अनौपचारिक क्षेत्र में कैश में होने वाले व्यापार को नहीं रखा गया है। अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि नोटबंदी देश के लिए बहुत फायदेमंद रही और इसे बहुत सपोर्ट मिला। फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा कि चौथी तिमाही में सुधार की आशंका होती है लेकिन नोटबंदी की वजह से ऐसा नहीं हो सका। हालांकि अब कैश की समस्या खत्म हो गई है और धीरे-धीरे विकास की गति बढ़ रही है।
इस मौके पर मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने कहा कि अलग से विश्लेषण की जरूरत है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि विभिन्न कारकों में से एक कारक है जो तीसरी और चौथी तिमाही में आर्थिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने कहा कि नोटबंदी अर्थव्यवस्था के लिये अस्थायी झटका था और अब नये नोटों के चलन में प्रगति के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। नोटबंदी के बाद कृषि को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में गिरावट आई। नोटबंदी से चौथी तिमाही में निर्माण क्षेत्र पर सबसे ज्यादा असर पड़ा और इसमें 3.7 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि 2015-16 की इसी तिमाही में इसमें 6 फीसदी की वृद्धि हुई थी। विनिर्माण क्षेत्र में जीवी वृद्धि 2016-17 में घटकर 7.9 प्रतिशत पर आ गयी जो इससे पूर्व वर्ष में 10.8 प्रतिशत थी।


Related posts

डॉ० अंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुुत मिसाल है

Metro Plus

PD लखानी की धर्मपत्नी सुमन लखानी को पुलिस ने गिरफ्तार किया! जानें क्यों?

Metro Plus

आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए फ़रीदाबाद पुलिस की स्वेट कमांडो टीम तैयार।

Metro Plus