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रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव पर धांधली का आरोप

मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
नईदिल्ली/फरीदाबाद, 7 जुलाई: रेलवे के होटल निजी कंपनी को देने के मामले में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुसीबत बढ़ गई। राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के घर पर सीबीआई अफसरों का जमावड़ा लगा हुआ है। पटना स्थित लालू के घर पर सीबीआई के दो दर्जन से ज्यादा अधिकारी मौजूद है और जांच चल रही है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन कर अधिकारियों को पटना से राजगीर मिलने के लिए बुलाया है।
सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी यादव, बेटे समेत कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके अलावा जांच एजेंसी ने दिल्ली, पटना, रांची, पुरी और गुरुग्राम समेत 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। केंद्रीय जांच एजेंसी छापेमारी की कार्रवाई पर लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप के अलावा दो कपंनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। लालू पर आरोप है कि रेलमंत्री रहने के दौरान उन्होंने रांची और पुरी समेत अन्य रेलवे होटलों के विकास और मरम्मत का ठेका निजी कंपनियों को दिया था।
बतौर रेल मंत्री राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव ने सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया था। रांची और पुरी स्थित दो बीएनआर होटलों के रख रखाव निर्माण और देखभाल का जिम्मा सुजाला होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था।
लालू के साथ दो कंपनियों पर भी छापेमारी
सीबीआई ने जिन दो कंपनियों पर छापे मारे हैं। इनमें डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड जोकि अब लारा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड हो गई है और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी हुई है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव और आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पीके गोयल और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के दो डायरेक्टरों विनय कोचर और विजय कोचर के साथ सरला गुप्ता के यहां छापेमारी की है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल रांची और पुरी के चाणक्य बीएनआर होटल जोकि रेलवे के हेरिटेज होटल थे। लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इन होटलों को अपने करीबियों को लीज पर बेच डाला था। ये दोनों होटल अंग्रेजों के जमाने के थे इसीलिए इसका ऐतिहासिक महत्व था पर अब नहीं रहा क्योंकि इन होटल्स को पूरा रेनोवेटेड कर दिया गया है।
प्रसाद एवं उनके परिवार के खिलाफ एक हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति का मामला रांची और पुरी से जुड़ा हुआ है। लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तब रेल मंत्रालय ने रांची एवं पुरी के ऐतिहासिक होटल बीएनआर को लीज पर देने का निर्णय लिया। इस लीज के लिए रांची के कुछ होटल व्यवसाइयों के अलावा लालू प्रसाद के निकट के सहयोगी एवं झारखंड से राज्यसभा के सांसद प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी दोनों होटलों को लेने में सफल रहे और रांची के बीएनआर होटल को पटना के प्रसिद्ध होटल चाणक्य के संचालक हर्ष कोचर को 60 साल के लिए लीज पर मिल गया।
पहले तो लीज की अवधि 30 वर्ष रखी गयी। परन्तु बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर साठ साल कर दी गई। आरोप है कि इन दोनों होटलों को लीज पर देने की जितनी कीमत राज्य सरकार को मिलनी चाहिए वह नहीं मिली। इस मामले में लालू प्रसाद का कहना है कि रेलवे ने नियम के तहत इन होटलों को लीज पर दिया था और इससे उनका कोई लेना देना नहीं है।
रेलवे के लिए धरोहर थे दोनों होटल
रेलवे के ये दोनों होटल धरोहर की तरह थे लेकिन हर्ष कोचर ने जो लीज के लिए रेलवे की शर्तों को मानने की बात कही थी। जिनमें दोनों होटल के हेरिटेज को बरकरार रखने की बात भी शामिल थी। लेकिन इसके कुछ ही हेरिटेज हिस्से को ही बरकरार रखा गया है। रांची के बीएनआर होटल के ऐतिहासिक ढांचे को गिराकर आधुनिक होटल में तब्दील कर दिया गया है।


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