मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद 22 अगस्त: भारतीय पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष के चौथे दिन गणेश जी की पूजा होती है। राष्ट्रीय चेतना शक्ति को जागृत करने वाला यह पर्व सर्वत्र हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विभिन्न स्थानों पर मूर्तियां स्थापित कर पूजा की जाती है जो अनंत चतुर्दशी तक जारी रहती है। अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में इन मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला यह उत्सव इस वर्ष 10 नहीं बल्कि 11 दिनों तक मनाया जाएगा। श्री गणपति विसर्जन महोत्सव रवि योग में 25 अगस्त को आरंभ होगा, 5 अगस्त अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन किया जाएगा। यह तिथि दोपहर 12.41 तक रहेगी तत्पश्चात 12.42 से पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा। 12.41 से पूर्व गणेश विसर्जन करना शास्त्र सम्मत होगा। इसी दिन से पितरों को समर्पित श्राद्ध पक्ष का भी आरंभ होगा। जब गणेश उत्सव का आरंभ होगा तो बीच में 2 दशमी तिथि आएंगी 31 अगस्त और 1 सितंबर इसलिए इस वर्ष एक दिन अधिक बप्पा हमारे घर विराजेंगे।
लोक मान्यता के अनुसार बप्पा का जन्म दोपहर के वक्त हुआ था इसलिए उनका पूजन इसी समय पर किया जाना चाहिए। चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 अगस्त की रात 8.27 बजे से हो जाएगा और इसका शुभ समय 25 अगस्त की रात 8.31 बजे तक रहेगा। दोपहर 2.36 तक मंगलकारी रवि योग रहेगा। इस योग में की गई गणपति स्थापना शुभ फल देती है।