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निगम चुनावों में जमानत जब्त करवा चुका नेता कैसे नैया पार लगवाएगा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की!

दल-बदलू नेता के हाथों में सौंप दिया कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने अपना राजनैतिक भविष्य
भाजपा नेता द्वारा आयोजित रैली में शिरकत करेंगे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर
दलबदलू नेताओं से घिरे अशोक तंवर की रैली तय करेगी उनका राजनैतिक भविष्य
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 23 सितंबर: हरियाणा विधानसभा चुनावों की हालांकि अभी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सन् 2019 में होने वाले इन विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अभी से विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं/दावेदारों ने पार्टी में अपनी टिकट पक्की करने के लिए जुगत भिड़ानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में कुछ बरसाती मेंडक भी बाहर निकल आए हैं जोकि पहले चुनावों में हारने और अपनी जमानत जब्त करवाने के बाद विलुप्त हो गए थे। पैसों के बल पर विधायक बन गृहमंत्री व मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए बैठे ये वे तथाकथित स्वयंभू नेता है जोकि सन् 2004 व 2009 में बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अपनी तमाम कोशिशों और कांग्रेस के बड़े नेताओं को जेब में रखने का दावा करने के बावजूद भी कांग्रेस की टिकट नहीं ले पाए थे। फिर भी अपनी चुनावी खाज मिटाने के लिए सन् 2010 में हुए नगर निगम फरीदाबाद के चुनावों में तत्कालीन सांसद अवतार सिंह भड़ाना के आर्शीवाद से मेयर की कुर्सी पर विराजमान होने के लिए पार्षद पद के चुनावों में खड़े हो गए थे और धर्म व जाति के नाम पर वार्ड न०-31 में शाही तरीके से लोगों से वोट मांगे। वो बात अलग है कि चुनावों में उनका किसी ने साथ नहीं दिया नतीजन चुनाव में अपनी जमानत तक जब्त करवाकर वे विलुप्त हो गए। यहां तक की ऐसे स्वयंभू नेताओं ने सरकार में राज करने की मंशा में अपनी धर्मपत्नी पूनम गर्ग तक को भी दाव पर लगाकर उनको चुनाव में खड़ाकर अपने सहित उनकी भी मिट्टी मलियामेट करा दी थी।
सरकार में राज करने की चाह यहीं नहीं खत्म हुई और सन् 2014 के विधानसभा चुनावों से करीब 3-4 महीने पहले इस तथाकथित नेता ने अग्रवाल धर्मशाला में स्थानीय भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर का नागरिक अभिनंदन कर शहर के प्रबुद्वजनों के सामने भाजपा ज्वाईन कर ली, जिसकी पुष्टि स्वयं कृष्णपाल गुर्जर ने भी की है। वो बात अलग है कि सन् 2014 के चुनावों में भाजपा की टिकट भी ना मिलने पर वो निष्क्रिय होकर फिर से अज्ञातवास में चला गया।
और अब एक बार फिर से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव ये स्वयंभू नेता अशोक गर्ग कांग्रेस आलाकमान में अपनी गहरी पैठ बताकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर के खेमे से राजनैतिक दंगल में उतर आए हैं। इसकी शुरूआत की है इन्होंने रविवार, 24 सितम्बर को बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत अनाज मंडी में रोजी-रोटी बचाओ रैली का आयोजन करके जिसमें इन्होंने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया है।
इंदिरा गांधी शताब्दी वर्ष के नाम पर आयोजित की जा रही इस रैली को सफल बनाने के लिए अशोक गर्ग ने पिछले दिनों बल्लभगढ़ के शहीद राजा नाहर सिंह महल में डॉ.अशोक तंवर खेमे के कांग्रेसियों की मीटिंग बुलाकर उनसे रैली को सफल बनाने के लिए आग्रह किया था। वो बात अलग है कि उस समय तो सबने इसके लिए हां कर दी लेकिन पीछे से कोई भी कांग्रेसी अशोक गर्ग की रैली को कामयाब कराने में रूचि नहीं ले रहे हैं लेकिन अशोक तंवर के कहने पर उन्हें अब मजबूरीवश रैली के लिए भीड़ जुटाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कारण है कि अनाज मंडी के जिस मैदान में यह रैली होने जा रही है उसी मैदान में आगामी रविवार, 1 अक्टूबर को अशोक तंवर के राजनैतिक घुर-विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की रैली होने जा रही है। इसी के चलते अशोक तंवर के लिए यह रैली महत्वपूर्ण हो गई है। क्योंकि यदि तंवर की यह रैली फेल होती है तो कांग्रेस आलाकमान पर इसका गलत संदेश जाएगा जिसका असर जल्द होने जा रहे प्रदेश अध्यक्ष के चुनावों पर पड़ सकता है और उन्हें अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ सकती है। इसी के चलते अशोक तंवर ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने खेमे के कांग्रेसियों को 24 सितम्बर की रैली में किसी भी तरह भीड़ जुटाने के निर्देश दिए हैं ताकि उनकी उस कुर्सी पर किसी तरह की आंच ना आए जिसको कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हथियाना चाहते हैं। वहीं अशोक गर्ग ने रैली को कामयाब बनाने के लिए बल्लभगढ़ सहित पूरे फरीदाबाद को अनाधिकृत रूप से लगाए गए होर्डिंग्स बोर्ड से पाट दिया है।
अब देखना यह है कि रविवार, 24 सितम्बर को इंदिरा गांधी शताब्दी वर्ष के नाम पर आयोजित की जा रही यह रोजी-रोटी बचाओ रैली किस हद तक कामयाब हो पाती है। वैसे इस रैली को कामयाब बनाने के लिए अशोक गर्ग ने साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाते हुए अपना पूरा दमखम व अपनी बची कुची इज्जत दाव पर लगा रखी है। इस रैली की सफलता व विफलता जहां शहर में अब अशोक गर्ग का राजनैतिक कैरियर तय करेगी वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर का भी वजूद बताएगी।

 

 


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