मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 23 सितंबर: नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां का यह रूप बेहद ही सुंदर, मोहक और अलौकिक है। चंद्र के समान सुंदर मां के इस रूप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां का यह रूप बेहद ही सुंदर, मोहक और अलौकिक है यह विचार सिद्धपीठ मां वैष्णोदेवी मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना के अवसर पर भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं।
इनका वाहन सिंह है, यह वीरता और शक्ति का प्रतीक हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियां सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं।
इस देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौ यता और विन्रमता का विकास होता है। इसलिए हमें चाहिए कि मन, वचन और कर्म के साथ ही काया को विधि-विधान के अनुसार परिशुद्ध-पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना करना चाहिए।
इस अवसर पर शहर के प्रमुख उद्योगपतियों ने मां का आर्शीवाद ग्रहण करते हुए मंदिर में माथा टेका मंदिर के चेयरमैन प्रताप भाटिया, कांशीराम, गिर्राजदत्त गौड़, फकीरचंद कथूरिया, राहुल मक्कड़, धीरज पुंजानी, शनिदेव, आदि चीता, रिंकू, साहिल, चिराग, अनुज भाटिया, अनुज महावीर, जयबिंद्र सिंह, मंजू नागपाल, रेश्मा, अनिल ग्रोवर, बलजीत, राजा शर्मा, जगनशाह, आर के बत्तरा, कंवल खत्री, राजकुमार, अशोक, जोगिंद्र सब्बरवाल, दिनेश चितकारा, नेतराम गांधी, राजेश भाटिया, रमेश सहगल, अनिल ग्रोवर, अनिल भाटिया, राकेश भाटिया, सुरेंद्र गेरा एवं सुनील हांडा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।