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एसडीएम कार्यालय में भ्रष्ट्राचार ही भ्रष्ट्राचार, कैसे हो इनका उपचार

मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़, 3 अक्टूबर: फरीदाबाद जिले में निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाने के लिए फरीदाबाद, बल्लभगढ़ तथा बडख़ल एसडीएम के तीन कार्यालय बने हुए है। इन कार्यालयों में रोजाना हजारों की संख्या में लोग अपने उपरोक्त कार्यो के लिए यहां आते है और यहां तैनात क्लर्कोे की तानाशाही व रिश्वतखोरी के चलते धक्के खाने के बाद दलालों की शरण में जा लूटने को मजबूर होते हैं।
गौरतलब रहे कि संबंधित लाईसैंसिंग अथॉर्रिटी यानि एसडीएम कार्यालयों में जिला प्रशासन ने उपरोक्त कामों के लिए क्लर्क तैनात कर रखे हैं। यहीं नहीं क्लर्को की कमी के चलते जिला प्रशासन ने कुछ गिने-चुने क्लर्को को उनके अपने कामों के अलावा दूसरी सीटों का काम भी सौंप रखा है। वो बात अलग है कि अतिरिक्त प्रभार केे तौर पर सौंपी गई ये सीटे मलाईदार सीटें मानी जाती हैं। इन दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग के नाम पर सोमवार से शुक्रवार के कार्य दिवस फिक्स हैं। इन दिनों सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक का समय आम लोगों के लिए निश्चित किया हुआ है। लेकिन दलालों का बोल-बाला इतना है कि पब्लिक डीलिंग के समय यहां जनता का काम कम दलालों का काम ज्यादा होता है। दोपहर एक बजे के बाद तो उनका ही साम्राज्य यहां स्थापित हो जाता है।
सबसे पहले यदि हम बात करें एसडीएम कार्यालय बल्लभगढ़ की तो वहां ड्राईविंग लाईसैंस व वाहनों के नए व पुराने कार्यों के लिए दो अलग-अलग क्लर्क तैनात किए हुए हैं। वहीं इन कार्यों से संबंधित सरकारी फीस जमाकर उसकी रसीद काटने के लिए एक तीसरे क्लर्क को भी तैनात किया हुआ है। बस यहीं से शुरू हो जाता है भ्रष्ट्राचार का खेल। दलालों की दस्तक सबसे पहले इसी सीट से शुरू होती है जहां से कि शुरू हो जाता है चढ़ावा चढ़ाने का खेल।
चढ़ावे का माल इन क्लर्कों को तो ऐसा लगता है कि वे इन दलालों को भगवान का दर्जा देने लगते हैं। इसी के चलते पब्लिक द्वारा लाई गई फाइलों में कमी निकालने का काम शुरू हो जाता है और उन्हें फाइलों में कमी बताकर दफ्तर से बिना फीस काटे ही भगा दिया जाता है। यही कारण है कि इस कार्यालय के इस क्लर्क द्वारा भगाए जाने के बाद इन लोगों को मजबूरी में दलालों की शरण में ही पहुंचना पड़ता है। जहां ये दलाल इन लोगों को लूटने का कार्य बखूबी कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक इस टोकन टैक्स क्लर्क ने कुछ मोटे दलालों को उधार की सुविधा भी दी हुई है जिसका भुगतान ये दलाल लगभग दोपहर दो बजे करते है जिसका लेखा-जोखा इस क्लर्क की मेज पर रखे नोट पैड पर होता है। अगर दो बजे से पहले इस बाबु का कैश चैक किया जाए तो लाखों रूपयों का सरकारी कैश कम मिलेगा अगर इसी बीच किसी दलाल के साथ कोई हादसा हो जाए तो इस कमी का भुगतान कौन करेगा? यह भी एक बड़ा सवाल है। दलालों को दी गई इस सुविधा के बदले यह बाबु उनसे कुछ ज्यादा सुविधा शुल्क वसुलता है। एसडीएम कार्यालय के विश्वस्त सुत्रों की माने तो यहां पर तैनात फीस क्लर्क पूरे दिन में करीब 400 रसीद काटता है जिनमें से करीब 300 पर्चियां दलालों की होती हैं।
इस कार्यालय में फीस क्लर्क द्वारा तय किए गए दलाली के रेटों को देखा जाए तो हर किसी की आंखें खुली की खुली रह जाएंगी। बताते हैं कि न्यू पंजीकरण के लिए दलालों से प्रति पर्ची 100 रुपये लिए जाते हैं तो पुराने वाहनों व ड्राइविंग लाइसेंसों से संबंधित रसीद पर दलालों से 50 रुपये लिए जाते हैं तथा ड्राईविंग लाईसैंस की रसीदों पर 50 रूपये प्रति ऊपर के लिए जाते हैं। वहीं जनता पर जबरन थोपे गए डीआइटीएस की रसीद पर 30 रूपये दलाल से लिए जाते हैं। इस सबसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी रसीद काटने वाला यह अदना सा क्लर्क हर रोज कितनी ऊपरी कमाई यहां से कर लेता है।
अगर आपको यकीन नहीं होता तो पहुंच जाएं, बल्लभगढ़ के एसडीएम कार्यालय में और शुरू करवा दें अपनी ड्राइविंग लाइसैंस या फिर आरसी की कोई भी फाइल। जब आप चार दिन चक्कर काट कर थक जाएंगे तो खुद ही दलाल को ढूंढने लगेंगे। यह सब करना आपकी मजबूरी भी होगा।
अति विश्वस्त सुत्रों के मुताबिक एसडीएम बल्लभगढ़ ने अपने सभी अधीनस्थों को मौखिक आदेश भी दिया हुआ कि कोई भी कर्मचारी/ऑफिसर गलत काम ना करें, अन्यथा उन्हें उनके कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है। उपरोक्त बारे में एसडीएम महोदय को जानकारी है या नहीं ये तो वो ही जाने, लेकिन उनके कार्यालय के उपरोक्त क्लर्क द्वारा जो यह खेल चल रहा है, वह किसी से भी छुपा हुआ नहीं है।
यानि, निचले स्तर पर सब कुछ मिलीभगत से हो रहा है और यह सब काम कार्यालय के मुखिया एसडीएम को अंधेरे में रख कर या उनकी शह पर अन्य भ्रष्ट कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है, इसका खुलासा भी जल्द ही किया जाएगा। साथ ही आपको अन्य दोनों एसडीएम कार्यालय की दूसरी मलाईदार सीटों के बारे में भी अवगत कराया जाएगा कि इन सीटों पर किस तरह का खेल चल रहा है। …


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