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पुलिस को नंगा करते हुए एक जुआरी ने किया थाना कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली का भंडाफोड़

पुलिस ने मोटी रकम खाकर जुआरियों को छोड़ते हुए बदली जुआ खेलने की जगह, थाना कोतवाली पुलिस पर लगा कलंक
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 10 अक्टूबर: पुलिस किस तरीके से रस्सी का सांप और सांप की रस्सी बनाती है ये कोई थाना कोतवाली पुलिस से पूछे। जी हां, हम बात कर रहे हैं थाना कोतवाली पुलिस के उस कारनामे की जिसमें पुलिस ने बीते सोमवार की रात नीलम-बाटा रोड़ स्थित होटल अभिनन्दन में जुआ खेलते हुए 24 लोगों को करीब 16 लाख रूपये की मोटी रकम के साथ पकड़ा और मोटी रकम लेकर ही जहां कई लोगों को इस मामले में निकालते हुए जुआ खेलने की जगह बदल दी वहीं जुए में पकड़ी गई रकम को भी डकारते हुए उसे कागजों में करीब 16 लाख की बजाए करीब 4-5 लाख रूपये दिखाया है। यह खुलासा किया है जुआ खेलते पकड़े गए एन.एच.-2 निवासी तिलक भाटिया ने जिससे पुलिस ने एक लाख रूपये बरामद तो किए लेकिन उसे दिल का मरीज होने के बावजूद बुरी तरह लात-घूंसों से मारा भी। तिलक को अपने पकड़े जाने का गम नहीं है, गम है तो पुलिस द्वारा उनके साथ की गई निर्दयतापूर्वक मार-पिटाई का।
जानकारी के मुताबिक हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए एक भाजपा नेता वासदेव अरोड़ा के नीलम-बाटा रोड़ स्थित होटल अभिनन्दन में बीती सोमवार की रात छापा मारकर थाना कोतवाली पुलिस ने करीब 24 जुआरियों को रंगे हाथों जुआ खेलते पकड़कर उनसे करीब 16 लाख रूपये की नगदी बरामद की है। पकड़े गए लोगों में वासदेव अरोड़ा का लड़का भी शामिल बताया गया है। वहीं जानकारों का तो यह भी कहना है कि पुलिस ने मौके से चार लड़कियों को भी पकड़ा था। वो बात अलग है कि पुलिस ने ना जाने किन कारणों के चलते उनकी गिरफ्तार नही दिखाई है, वहीं जुए में पकड़े गए लोगों की जगह होटल अभिनन्दन में ना दिखाकर अलग-अलग दिखाई है। बताते है कि जुए की जगह बदलने के लिए थाना कोतवाली पुलिस के पास पुलिस के एक बड़े अधिकारी का फोन आया था जिसके चलते सारा घटनाक्रम बदलकर जहां बताते है कि वासदेव अरोड़ा के लड़के को छोड़ दिया गया वहीं जुआरियों को भी अदालत में पेश ना करके उनसे 2500-2500 रूपये जबरन लेकर पुलिस बेल (कच्ची जमानत) पर शनिवार को पेश होने के लिए कहकर छोड़ दिया गया। यह होटल अभिनन्दन भाजपा नेता वासदेव अरोड़ा, सुरेश बंसल उर्फ टीपू तथा अवतार मित्तल की पार्टनरशिप में चलता बताया जाता है जबकि होटल की प्रोपर्टी का असली मालिक संजय मक्कड़ है जिसने यह होटल उपरोक्त लोगों को लीज पर दे रखा है।
पुलिस द्वारा जुआ खेलते पकड़े गए लोगों में से एक एन.एच.-2 निवासी तिलक भाटिया ने सारे मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वे लोग दिवाली के त्यौहार के चलते सोमवार की रात को नीलम-बाटा रोड़ स्थित होटल अभिनन्दन में आमने-सामने के दो कमरों में तथा होटल के टॉप फ्लोर पर अलग-अलग ग्रुपों में जुआ खेल रहे थे जोकि संख्या में 24 थे। इस सारे जुए खिलाने का इंतजाम बुकी गौरे पुत्र सुखदयाल, मोंटू तथा टिकटिक ने किया हुआ था। तिलक ने बताया कि रात करीब 10.30 बजे थाना कोतवाली में तैनात सब-इंस्पेक्टर प्रदीप अपने साथी एएसआई प्रदीप व दो अन्य पुलिसवालों के साथ जोकि उसके अलावा सादी वर्दी में थे, अचानक होटल के उक्त कमरों में आ गया तथा उन्हें जुआ खेलते हुए देख लिया और वहां ओर पुलिस बुलाकर उन सबको पकड़ लिया। तिलक की माने तो पुलिस ने उन सभी लोगों से करीब 15-16 लाख रूपये पकड़े थे जिनमें से उनसे तो एक लाख रूपये, लट््टे व जग्गी से सवा लाख रूपये, टैम्पो ट्रैवल वाले राजेश भाटिया उर्फ पीटर से सवा लाख, जुआ खिला रहे बुकी गौरे पुत्र सुखदयाल, मोंटू तथा टिकटिक तीनों से साढ़े चार लाख रूपये, अनिल बांगा हरिद्वार से चार लाख, एन.एच.-2 निवासी बिजेन्द्र कपूर से ढाई लाख रूपये, संजय खन्ना निवासी सैनिक कालोनी से तीन लाख, मनीष निवासी दिल्ली से एक लाख रूपये पकड़े जबकि अत्ती, ओमप्रकाश उर्फ ओमी फोरमेन से पुलिस को कुछ नही मिला। बकौल तिलक भाटिया पुलिस ने वहां से थाने में ले जाकर उन्हें तीन अलग-अलग कमरों में 5, 13 व 6 के ग्रुप में बैठा दिया जहां से पुलिस ने 13 वाले ग्रुप में से कुछ लोगों को बाद में मोटी रकम लेकर छोड़ दिया। वहीं उनको पकडऩे की जगह होटल अभिनन्दन में ना दिखाकर बाहर अलग-अलग दिखाई।
तिलक भाटिया का कहना था कि पुलिस ने उन्हें जुआ खेलते हुए पकड़ा जिसका उन्हें कोई गम नहीं है, लेकिन सब-इंस्पेक्टर प्रदीप ने जिस तरीके से उन्हें दिल का मरीज होने के बावजूद भी पैरों के जूते से बुरी तरह मारा वह उसे किसी कीमत पर सहन नहीं कर सकते। वह इस मामले में अपना मेडिकल करवाकर इस सारे मामले की शिकायत उच्च पुलिस अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री आदि से करेंगे।
उपरोक्त प्रकरण को लेकर जब थाना कोतवाली के एसएचओ प्रीतपाल से बात की गई तो उन्होंने जुए को होटल अभिनन्दन से पकड़े जाने की बात को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा चार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई है जिसमें 21 लोगों को विभिन्न स्थानों पर जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया गया है। जबकि उनकी बातों से लग रहा था कि दाल में जरूर कुछ काला है।
यदि हम तिलक भाटिया की माने तो जिस जिन्दादिली से उसने जुआ खेलने की बात स्वीकार की उसमें पूरा दम था कि पुलिस ने मोटी रकम लेकर जहां चंद जुआरियों को छोड़ दिया और जुए में बरामद वास्तविक रकम को ना दिखाकर जुआ खेलने के स्थान को भी बदल दिया।
और यदि हम बात करें उपरोक्त सारे मामले की छानबीन करने के बाद अपने विश्रेषण की तो पुलिस ने जुआ तो होटल अभिनन्दन में ही पकड़ा है। जिसका सबूत होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से मिल सकता है यदि पुलिस और होटल संचालकों ने उससे कोई छेड़छाड़ ना की हो तो।
वहीं एक बात ओर सामने आई है कि इस मामले में पकड़े गए तिलक भाटिया का कहना था कि इस मामले में लट््टे व जग्गी तो बेवजह फंस गए। वे तो कमरा नंबर-12 में से शराब पीकर अपने घर जा रहे थे कि अचानक वे भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए जिनका कि जुए से कोई लेना-देना ही नहीं था। पुलिस ने उनकी जेबों में रखे सवा लाख रूपए ले लिए तथा जुए के केस में बेवहजह रगड़ दिया।
इस सारे प्रकरण में कहां तक सच्चाई है ये तो पुलिस जाने या पकड़े गए जुआरी लेकिन जो भी हो, जिस तरीके से ये मामला सुर्खियों में आया है और पकड़े गए आरोपी ने ही सारे मामले को भंडाफोड़ किया है उसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर जरूर प्रश्रचिन्ह लगा दिया है। –क्रमश:


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