मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चण्डीगढ़, 11 अक्टूबर: प्रदेश भर में धड़ल्ले से चल रहे फर्जी निजी स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा एडवोकेट अंकित ग्रेवाल के माध्यम से पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व अमित रावल की डबल बैंच ने इस मुद्दे को गंभीर माना है। अदालत में शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव ने 2012 में उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दिया था कि चार माह के अन्दर-अन्दर प्रदेश भर में चल रहे फर्जी निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी।
अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए अब केस नम्बर सीडब्ल्यूपी 15225 अॅाफ 2012 की फाईल आगामी 7 नवम्बर को अदालत में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। इस केस में 2012 में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर कहा था कि चार माह के दौरान इन फर्जी निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी। उच्च न्यायालय ने कहा है कि यह देखना है कि शिक्षा विभाग ने उस शपथ पत्र के बाद ऐसे स्कूलों के खिलाफ क्या कार्रवाई की।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रधान बृजपाल परमार व महासचिव भारत भूषण बंसल ने बताया कि प्रदेश भर में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों व सरकार की मिलीभगत से फर्जी तरीके से निजी स्कूल चल रहे हैं। जोकि शिक्षा विभाग के नियमों को पूरा नहीं कर रहे हैं। ऐसे स्कूलों की संख्या सैकड़ों में हैं। भिवानी शहर में अकेले ही 70 से अधिक ऐसे फर्जी निजी स्कूल हैं।
याचिका में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी, खंड शिक्षा अधिकारी, उपायुक्त भिवानी, बाल संरक्षण आयोग, राज्य सलाहकार समिति के चेयरमैन को प्रतिवादी बनाया गया है।