सम्मापन समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे शिरकत, करोड़ों की परियोजनाओं का होगा शुभारंभ
मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
फरीदाबाद , 25 अक्तूबर: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद द्वारा हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्तवावधान में स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन प्रारंभ हो गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का मुख्य आकर्षण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर प्रदर्शनीए लघु फिल्म तथा विशेषज्ञ व्याख्यान है जिसमें विभिन्न शिक्षण संस्थानों के एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी हिस्सा ले रहे है।
इस अवसर पर सम्मेलन का उद्वघाटन दीनबन्धु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के कुलपति डॉ० राजेन्द्र कुमार अनायत ने किया। इस उद्वघाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विज्ञान भारती के महासचिव जयकुमार, चौधरी बंसीलाल, विश्वविद्यालय भिवानी के कुलसचिव डॉ० भगवान सिंह चौधरी तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ० एस.के. शर्मा भी उपस्थित थे।
इस मौके पर उद्वघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुद्रण तकनीक के प्रमुख अकादमीशियन डॉ० राजेन्द्र कुमार अनायत ने विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझे किए तथा उन्हें जीवन में लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कितना ज्ञान रखते है अपितु यह अधिक महत्वपूर्ण है कि आपके द्वारा अर्जित ज्ञान का सही उपयोग सुनिश्चित हो। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि हमारे जीवन में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है तथा विज्ञान के बिना इंजीनियरिंग की परिकल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख आविष्कार अकस्मात हुए है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक असफलता के बावजूद अपनी सोच सकारात्मक रहे क्योंकि कोई भी असफलता एक नए आविष्कार की जनक हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि हम भारत को वैज्ञानिक रूप से अग्रिम देशों की पंक्ति में देखना चाहते है तो हमें नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन जैसे वैज्ञानिक तैयार करने होंगे।
इस मौके पर सत्र को संबोधित करते हुए जयकुमार ने कहा कि विविध सांस्कृतिक विरासत और समृद्व संसाधनों के बावजूद आज भारत विज्ञान बेशक पीछे है लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में हमारा इतिहास ऐसा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं में नए आविष्कार और खोज करने की क्षमता है क्योंकि वैज्ञानिकों द्वारा जितनी भी बड़ी खोज या आविष्कार हुए है वे उनके द्वारा उनकी युवा आयु के दौरान ही किए गए है। इसलिए युवा मस्तिष्क विज्ञान के क्षेत्र में काफी योगदान दे सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्र की प्रगति के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। इसके उपरांत सत्र को संबोधित करते हुए डॉ० बी.एस. चौधरी ने रिमोट सेंसिंग तथा स्पेस साइंस पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा सत्र का समापन कुलसचिव डॉ० एस.के. शर्मा के धन्यवाद प्रस्ताव से हुआ।
इस अवसर पर कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने मुख्य अतिथि डॉ० राजेन्द्र कुमार अनायत ने स्मृति चिह्न भेंट किया। इस दौरान गणमान्य अतिथियों ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए विज्ञान मॉडल्स की सराहना की। सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्यमंत्री महोहर लाल सम्मापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे तथा विश्वविद्यालय में लगभग 60 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास तथा उद्वघाटन करेंगे।