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मैट्रो अस्पताल में 300 से अधिक मरीजों को किया गया पूरी तरह ठीक

लवकाग्रस्त मरीजों के लिए कारगार साबित हो रही है थ्रोम्बोलाइसिस इजेक्शन तकनीक: डॉ० रोहित गुप्ता
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 28 अक्टूबर: वल्र्ड स्ट्रोक डे केअवसर पर मैट्रो अस्पताल के न्यूरोलोजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट न्यूरोलोजिस्ट डॉ० रोहित गुप्ता ने कहा कि स्ट्रोक मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा आम कारण है। यह भारत में वयस्क विकलांगता का प्रमुख कारण है। पिछले कुछ दशकों में विकसित देशों के मुकाबले जहां स्ट्रोक का प्रसार घटा गया है भारत में स्ट्रोक का बोझा बढ़ते ही जा रहा है। भारत में स्ट्रोक के प्रसार के बढऩे के कुछ कारण है जैसे धूम्रपान, बढ़ती लम्बी उम्र और शहरीकारण द्वारा लाइफस्टाईल में बदलाव। लोगों में स्ट्रोक के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए मैट्रो अस्पताल में डॉ० रोहित द्वारा फेसबुक का लाइव सेशन भी किया, जिसमें कई मरीजों में अपने प्रश्न पूछे।
इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ ने पाया कि भारत में स्ट्रोक के बोझ का हाइपरटेन्शन, धूम्रपान, बढ़ता लिपिड स्तर और डाएबीटिज कुछ महत्वपूर्ण कारण है। तीव्र स्ट्रोक/लकवाग्रस्त रोगियों के लिए थ्रोम्बोलाइसिस इंजेक्शन एक नई तकनीक है। मैट्रो अस्पताल नियमित रूप से मस्तिष्क में धमनियों की रूकावट के उपचार के लिए थ्रोम्बोलाइसिस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।
मैट्रो अस्पताल में थ्रोम्बोलाइसिस तकनीक द्वारा अब तक 300 से अधिक मरीजों को ठीक किया जा चुका है। इसके लिए उम्र की कोई समय-सीमा नहीं हैं। डॉ० रोहित ने बताया की हमारे विभाग में उच्च न्यूरो इमेजिंग तकनीकी संसाधन है। अस्पताल में एम.आर.आई. व सीटी स्कैन की सुविधा भी उपलब्ध है। तीव्र स्ट्रोक/लकवाग्रस्त 40 साल से कम के लोगों में भी हो सकता है। भारत में तीव्र स्ट्रोक/लकवे से 10 से 15 प्रतिशत मरीज 40 से कम उम्र के होते है। थ्रोम्बोलाइसिस तकनीक 18 साल से ऊपर के किसी भी मरीज पर की जा सकती है। युवा मरीजों पर इसके रिजल्ट बहुत अच्छे होते है।
इस मौके पर मेट्रो अस्पताल के डॉ० एस.एस. बंसल मैनेजिंग डॉयरेक्टर ने बताया कि थ्रोम्बोलाइसिस की यह तकनीक लकवा होने के 4.5 घंटे तक की जा सकती है। तीव्र स्ट्रोक/लकवाग्रस्त होने पर मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच जाना चाहिए। क्योंकि जल्दी से उपचार मिलने पर इसके अच्छे परिणामों की प्राप्ति 100 प्रतिशत तक हो सकती है।
इस मौके पर डॉ० रोहित गुप्ता ने कहा कि थ्रोम्बोलाइसिस चिकित्सा के उपयोग व जागरूकता पर जोर देने की जरूरत है। विंडो पीरियड का महत्व, थ्रोम्बोलाइसिस चिकित्सा का लाभ, स्ट्रोक के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इस अवसर पर मेट्रो अस्पताल के डॉयरेक्टर एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० एस.एस. बंसल का कहना है कि मेट्रो अस्पताल नई-नई तकनीक के माध्यम से लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत है और आने वाले समय में भी अस्पताल नई-नई तकनीकों के माध्यम से लोगों को बहेतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए कार्य करता रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा की जागरूकता, समय रहते बिमारियों से बचाव एवं अनुशासिक जीवन प्रणाली एक बेहद कारगर उपाय है, इन सभी गंभीर बिमारियों से बचने के संदर्भ में मैट्रो अस्पताल जानकारी के विभिन्न उपायों को करते रहते है।


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