Metro Plus News
फरीदाबादहरियाणा

भौतिक प्रगति के साथ आध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक: सद्गुरु माता

मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
दिल्ली, 21 नवम्बर: दुनिया के विकास के लिए केवल भौतिक प्रगति काफी नहीं है, उसके साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी परम आवश्यक है। आध्यात्मिक उन्नति के लिए हमें ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आत्मा का नाता परमात्मा केसाथ जोडऩा होगा, तभी यह सम्भव है।
70वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए निरंकारी सद्गुरु माता सविंद्र हरदेव महाराज ने उक्त उद्गार व्यक्त किए। इस समागम में देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया। दूर देशों से भी हजारों की संख्या में प्रतिनिधी इस समागम में पधारे।
सद्गुरु माता ने कहा कि दुनिया में अत्याधिक तरक्कियां हो रही हैं लेकिन उसके बावजूद हर इन्सान के मन में तनाव है, अशान्ति है क्योंकि वह अपनी तरक्की तो बर्दाश्त कर रहा है पर अगर किसी दूसरे की थोड़ी सी भी उन्नति होती है तो वह उससे बर्दाश्त नहीं होती, इसीलिए वह तनाव से ग्रस्त हो जाता है।
तकनीकी प्रगति से दुनिया बहुत छोटी हुई है पर इस प्रगति ने सबके दिल भी बहुत छोटे कर दिए हैं। हर कोई हर चीज अपने मुताबिक समेटना चाह रहा है। चाहे वो दुनिया में देशों की सरहदें हों, प्रान्तों की सरहदें हों या भाषाएंं हों, जाति हो, नस्ल हो, काले-गोरे रंगों के कारण हों।
इस मौके पर सविंद्र हरदेव महाराज माता ने आगे कहा कि केवल श्रद्धा या विश्वास रखने से अच्छा इन्सान नहीं बनता है, व्यवहार से बनता है। श्रद्धा से हम आधी लड़ाई जीत लेते हैं मगर जब हम इसे अपने वचन और कर्म में ढालते हैं तो परिपूर्ण भक्त बनते हैं।
समापन सत्र के दौरान एक बहुभाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी, मुल्तानी, अंग्रेजी आदि भाषाओं में लगभग 20 से भी अधिक कवि महात्माओं ने काव्य पाठ किया जिसकी उपस्थित जनसमुदाय ने भरपूर प्रशंसा की। कवि सम्मेलन का विषय था-निरंकार का लें आधार, जीवन हो गुरमत अनुसार।
संत निरंकारी मंडल के केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष खेमराज चड्ढा एवं मंडल के महासचिव और समागम के संयोजक वी.डी. नागपाल ने समागम की तैयारियों के लिए सद्गुरु माता सविन्द्र हरदेव महाराज का उनके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। श्री नागपाल ने कहा कि सद्गुरु माता प्रत्येक दिन प्रात: काल, दोपहर और कई बार देर रात में भी समागम ग्राउंडों में पधारते और भक्तों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान करते। सद्गुरु माता यही चाहते थे कि बाहर से आने वाले भक्तों के लिए हर सुख-सुविधा सुनिश्चित की जाए।
श्री नागपाल ने विभिन्न सरकारी विभागों, दिल्ली नगर-निगम और अन्य प्रबंधकीय संस्थाओं के द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं के लिए आभार व्यक्त किया।
समागम में आए हुए भक्तों ने मिशन के साहित्य में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने पुस्तकों के अलावा वी. सी. डी, कैलेंडर, डायरी इत्यादि का भी बड़े प्रेम से स्वागत किया।


Related posts

सांसद खेल महोत्सव की पहली मैराथन में कल बच्चे, बुढ़े और जवान, महिला तथा पुरूष एक साथ दौडंग़े: जितेन्द्र यादव

Metro Plus

आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदर्शन के दौरान कल्पना को आई गंभीर चोटे

Metro Plus

आत्मा एक अति सूक्ष्म ज्योति का पुंज सितारे की तरह है: बी.के.पूनम

Metro Plus