मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
बल्लभगढ़़, 6 दिसम्बर: अंबेडकर चौक पर मोबाइल शोरुम से हुई लाखों की चोरी के मामले का पुलिस पूरी तरह से खुलासा नहीं कर पाई है। करीब एक पखवाड़ा बीतने के बावजूद भी दुकानदारों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर असंतोष बना हुआ है। पीडि़त मोबाइल शोरुम मालिक का कहना है कि आए दिन पुलिस उन्हें आरोपियों की तलाश में दूर जाने के लिए गाड़ी मांगने कभी अन्य प्रकार की कार्यवाही के लिए थाने बुलाती है। एक तो उनके यहां लाखों की चोरी हो गई, ऊपर से पुलिस द्वारा बार-बार उन्हें जांच के लिए परेशान किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा अपराधों की रोकथाम के लिए अधिकारियों की पदोन्नति की जाती है परंतु बल्लभगढ़ के एसीपी को जब से डीसीपी का पदभार मिला है, तब से मानो शहर में अपराधों का ग्राफ निरंतर बढ़ा है। ऐसे अनेकों विख्यात मामले है, जो आज भी सुलझने के लिए फाईलों में धूल फांक रहे है। व्यापारियों मेें भी इस बात को लेकर असंतोष है कि शहर में किसी भी घटना के बाद पुलिस दो-चार दिन तो चौकस रहती है, बाद में स्थिति वही पुरानी आ जाती है। शहर में कुछ दिन तो नाकेबंदी हुई थी। अब पुन: पहले की तरह सामान्य हो गया।
गौरतलब है कि अंबेडकर चौक स्थित अनुव्रत कम्युनिकेशन नामक शोरुम से चोर करीब 25 लाख रुपए के मोबाइल फोन चुराकर ले गए थे। इससे पूर्व भी चावला मोबाइल की दुकान से भी चोर दो बार बड़ी चोरियां कर चुके है, जो मामले अभी तक सुलझ नहीं पाए है। वहीं चावला कालोनी स्थित मित्तल ट्रेडिंग कंपनी में हथियार के बल पर लाखों की लूट के मामले के कई माह बीतने के बावजूद भी पुलिस के खाली हाथ है। आज भी पीडि़त पक्ष आरोपियों की गिरफ्तारी की बाट जोह रहा है।
हरियाणा सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रही शारदा राठौर का कहना है कि भाजपा सरकार में प्रदेश में जंगलराज कायम है। भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था बेतहाशा बढ़ी है। दुकानदार, व्यापारी के साथ-साथ आम आदमी भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित होने लगा है। उन्होंने कहा कि पुलिस केवल कागजी कार्यवाही करके अपने कत्र्तव्य से इतिश्री कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले है जो आज तक पुलिस सुलझा नहीं पाई है।
वहीं इनेलो के वरिष्ठ नेता ललित बंसल का कहना है कि भाजपा राज में व्यापारी सबसे ज्यादा असुरक्षित है। आए दिन हो रही चोरी-डकैती की घटनाओं से उनमें भय का माहौल बना हुआ है। नोटबंदी व जीएसटी से पहले ही मंदी की मार झेल रहे व्यापारी वर्ग के साथ हो रही आपराधिक वारदातों ने उनके समक्ष धंधे चलाने की समस्याएं पैदा कर दी है।