मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 29 दिसंबर: गुडगांव डिविजन के कमिश्रर डॉ.डी.सुरेश ने आखिर क्या सोचकर एकतरफा आदेश करते हुए 5N-40A & 5N/41A, एनआईटी स्थित बिट्टू टिक्की वाला (BTW) की सील खुलवा दी, यह सबकी समझ में आ भी रहा है और नहीं भी। कमिश्रर ने जिस तरीके से बिना निगम का पक्ष जाने ये लिखित आदेश किए हैं उसमें से भ्रष्ट्राचार की बू आ रही है। कमिश्रर डिविजन ने खानापूर्ति के लिए करीब ढाई महीने बाद 9 मार्च, 2018 को इस मामले में निगम अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए गुडगांव स्थित अपने कार्यालय बुलाया है। इस मामले में इतनी लम्बी तारीख देने के पीछे उनका क्या मकसद है, ये तो वो ही जाने।
जानकारी के मुताबिक रिहायशी नक्शा पास करवा उसमें Commercial बिल्डिंग बनाकर उसे मोटे किराए पर बीटीडब्ल्यू को देने तथा सील हुई ईमारत को खोलने में जहां कई सफेदपोश नेताओं ने अपनी तिजोरी भरी हैं, वहीं संबंधित अधिकारियों ने भी इसमें लाखो के वारे-न्यारे किए है। विश्वसनीय सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ BTW की सील खुलवाने में करीब 10 लाख रूपये के लेन-देन होने की बात सामने आ रही है। इस रकम में किस-किसने हाथ मारा है, ये तो हाथ मारने वाला ही जाने लेकिन जिस तरह से इस बीटीडब्ल्यू की सील खोली गई है उसने जीरो टोलरेंस वाली भ्रष्ट्राचार रहित सरकार की नीयत को उजागर करके रख दिया है।
-विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ते रहिए मैट्रो प्लस
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