मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद,18 जनवरी: वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का बुद्विमता से प्रबंधन विषय पर एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम प्रारंभ हो गया है। यह कार्यक्रम टीईक्यूआईपी-3 परियोजना के तहत आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में लगभग 50 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।
इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्वघाटन केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन के निदेशक अरूण कुमार मिश्रा तथा उद्वघाटन सत्र में मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने की। इस मौके पर अधिष्ठाता प्रो० संदीप ग्रोवर, प्रो० तिलक राज तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो० राजेश आहूजा भी उपस्थित रहे तथा उन्होंने सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० रश्मि अग्रवाल तथा डॉ० अंजू गुप्ता द्वारा किया गया।
इस मौके पर उद्वघाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने प्रतिभागियों को ग्रिड प्रणाली से संबंधित तकनीकों के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि किसी तरह अक्षय ऊर्जा स्रोतों का प्रबंधन ऊर्जा प्रणाली को मजबूत के लिए किया जा सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो० दिनेश कुमार ने कहा कि कार्यक्रम के लिए चयनित विषय मौजूदा परिवेश में महत्वपूर्ण तथा प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा स्रोतों की उचित उपयोग बेहतर वातावरण को बनाए रखने के लिए समय की मांग है क्योंकि पर्यावरण में तेजी से हो रही गिरावट की समस्या का समाधान अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर ही किया जा सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों को नई तकनीकों को सीखने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इससे पूर्व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो० राजेश आहूजा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा विभाग एवं कार्यक्रम की रूपरेखा एवं विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की कोर्डिनेटर डॉ० रश्मि अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम का उद्वेश्य पारंपरिक तथा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उत्पादन, वितरण तथा प्रबंधन के लिए इंटेलीजेंट-नेटवर्क तथा माइक्रो-नेटवर्क की तकनीकों को जानना तथा समझना है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को तकनीकी सत्र के दौरान कार्य अनुभव भी दिया जाएगा।
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