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GST की आड़ में टैक्स चोरी करने वालों पर अब सरकार कसेगी शिकंजा: अरुण जेटली

मैट्रो प्लस से ईशिका भाटिया की रिपोर्ट
नईदिल्ली, 19 जनवरी: केंद्र सरकार ने जीएसटी की आड़ में टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने का मन बना लिया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साफ तौर पर कहा कि जीएसटी के तहत सरकार के राजस्व में जो कमी आई है, उससे एक बात तो साफ है कि बहुत से लोग जीएसटी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। अब टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर लगाम कसी जाएगी।
इस मौके पर जीएसटी काउंसिल की 25वीं बैठक में जिन चीजों पर टैक्स कम करने का फैसला किया गया, उनमें पुरानी कार, 20 लीटर की पानी की बोतल, बायो डीजल से चलने वाली बस, सिंचाई में काम आने वाली मशीनें, कई तरह की साइंटिफिक मशीनें, तमाम तरह के कीटनाशक, मेहंदी पाउडर, हथकरघा की बनी तमाम चीजें, वेलवेट का कपड़ा, हीरा और कीमती पत्थर शामिल हैं।
बजट से ठीक पहले हुई जीएसटी परिषद की बैठक में 29 चीजों और 53 सेवाओं पर जीएसटी को घटाकर जीरो प्रतिशत किया गया। राइस ब्रान ऑयल एकमात्र ऐसी चीज है, जिसके ऊपर जीएसटी जीरो से बढ़ाकर पांच फीसदी किया गया है यानी यह तेल अब महंगा हो जाएगा। वहीं पुरानी कार खरीदने वालों को अब बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि इस पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। बड़ी कार और एसयूवी भी अगर आप पुरानी खरीदते हैं, तो अब 28 प्रतिशत की बजाय आपको सिर्फ 18 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
इसके अलावा मोदी सरकार ने गुजरात चुनाव में जीत का तोहफा गुजरात के हीरा व्यापारियों को भी दिया है। हीरा और कीमती पत्थरों पर जीएसटी अब तीन प्रतिशत से घटाकर सिर्फ 0.25 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही जीएसटी फॉर्म भरने में व्यापारियों की दिक्कतों को आसान करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है। जल्दी सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी कि व्यापारियों को तीन जीएसटी फॉर्म के बजाए सिर्फ एक फॉर्म भरना पड़े, लेकिन इस फैसले के लागू होने में अभी थोड़ा समय लगेगा।
सरकार ने उपभोक्ताओं और व्यापारियों को राहत देने के साथ ही यह भी संकेत दिए हैं कि अब जीएसटी की आड़ में टैक्स चोरी करने वालों पर सख्ती की जाएगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने साफ तौर पर कहा कि जीएसटी के तहत सरकार के राजस्व में जो कमी आई है। उससे एक बात तो साफ है कि बहुत से लोग जीएसटी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खास तौर पर छोटे व्यापारियों के लिए लाई गई कंपोजीशन स्कीम का खूब दुरुपयोग हो रहा है। यह इस बात से साफ है कि कंपोजीशन स्कीम के तहत जिन 17 लाख व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्होंने सिर्फ 307 करोड़ रुपये ही टैक्स दिया है।
कंपोजीशन स्कीम उन व्यापारियों के लिए है। जिनका सालाना कारोबार डेढ़ करोड़ रुपये से कम है। इस स्कीम के तहत जो लोग रजिस्ट्रेशन कराते हैं। उन्हें सिर्फ एक प्रतिशत टैक्स ही देना होता है। जेटली ने साफ किया कि ऐसा लगता है कि बहुत से बड़े व्यापारी भी कंपोजीशन स्कीम में गलत तरीके से आकर कम टैक्स दे रहे हैं। जेटली ने कहा कि अब टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर लगाम कसी जाएगी।


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