मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
सूरजकुंड,15 फरवरी: कलाकार में किसी के भी जहन के तस्ववुर को बदलने का दम होता है और यकीं मानिए ये दम फरीदाबाद के गांव ऐतमादपुर के सैक्टर-30 निवासी उदित नारायण में है एक ऐसा कलाकार जिसने व्यर्थ पड़ी चीजों से ऐसी कलाकृतियां उकेर दी हैं जो न कि पर्यावरण को बचाने का प्रत्यक्ष तौर पर उदाहरण है बल्कि यह अपने आप में पहला ऐसा प्रयोग है जो व्यर्थ पड़ी सामग्री को कला में समेट रहा है।
सूरजकुंड के 32वें हस्त शिल्प मेला में उदित वायर आर्टस के नाम से अपनी स्टाल चला रहे उदित नारायण जोकि पेशे से एक टैक्सटाईल डिजाइनर होते थे। इन्होंने पेंटिंग को अपना व्यवसाय तो बनाया ही साथ ही साथ उसमें नित नए प्रयोग करने से भी नहीं चुकें।
उन्होंने बताया कि वे कभी पेंटिंग का काम करते थे लेकिन किसी कारण वर्ष उन्हें इस काम में घाटा उठाना पड़ा। करीब दो वर्ष पहले जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम मन की बात में उनकी वेस्ट मेटिरियल को रिसाईकिल करने या उसका सही उपयोग करने की अपील सुनी तो उनके मन का कलाकार दोबारा जाग उठा और उन्होंने वेस्ट मेटिरियल से अपनी पेंटिंग को दोबारा जीवनदान देना शुरू कर दिया और आज आलम यह है कि इनके द्वारा बनाई गई पेंटिग की चंहु ओर प्रशंसा हो रही है।
उदित नारायण ने इस काम में साथ देने के लिए हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक व सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक समीर पाल सरो का तहदिल से आभार जताते हुए कहा कि उन्हीं की वजह से मुझे इस मेले में मौका मिल पाया है। उदित नारायण ने कहा कि आज-कल लोग प्लास्टिक की चीजों को जमीन या पानी में फेंक रहे है, जिससे पृथ्वी और जल दूषित हो रहे है। उन्हें इसी बात को जहन में रखकर पेंटिंग बनानी शुरू की। घर में भी लोग प्लास्टिक या अन्य चीजों को बेकार समझकर बाहर फेंक देते हैं लेकिन वे इन चीजों का उपयोग कर इनसे पेंटिंग बनाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन पेंटिंग से बच्चे प्रेरित हो जाए तो उनके लिए इससे बड़ी क्या बात होगी। पर्यावरण से जुड़ी पेंटिंग के साथ-साथ उन्होंने संसद भवन, डॉ० भीम राव अंबेडकर व व्हाईट हाउस से संबंधित पेंटिंग्स भी बनाई हैं।
इसके साथ-साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ की भी पेंटिंग बनाई हैं। इस काम में उनकी धर्मपत्नी नीलम व उनके दोनों बेटे भी हाथ बटाते हैं।