जीनबन्धु संस्था व रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली साउथ ने थैलासीमिया से मुक्ति की ओर उठाया एक कदम
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 16 मार्च: फाउंडेशन अगेंस्ट थैलासीमिया जीनबन्धु संस्था व रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली साउथ सेंट्रल की ओर से बोनमैरो टेस्ट किए गए। जैसा की संस्था का उद्वेश्य है देश को 2025 तक थैलासीमिया से मुक्ति, जिसके लिए संस्था समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चल रही है। संस्था ने ठाना है जो बच्चे संस्था के साथ जुड़े है उनको हर हाल में समय पर रक्त व दवाईयां मिले ताकि वो स्वस्थ रहे। जो बच्चे संस्था के साथ है उनका बोनमैरो मैच किया जाए ताकि उनका बोनमैरो ट्रांसप्लांटेशन जल्द से जल्द करवाया जाए। सिर्फ बोनमैरो ही थैलासीमिया का पूर्ण इलाज है। अगर थैलसीमियाग्रस्त बच्चे का बोनमैरो उसके भाई बहन या किसी अन्य से मिल जाता है तो उस बच्चे का बोनमैरो ट्रांसप्लांट करके उस बच्चे को एक नया जीवन दिया जा सकता है। बोनमैरो पर करीब 20 लाख का खर्चा आता है जिसके लिए 10 लाख कोल इंडिया देती है। साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से 3 लाख की सहायता मिल जाती है बाकी का खर्च कुछ रोटरी क्लब व लायंस क्लब उठाने को तैयार है।
इस मौके पर रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली साउथ सेंट्रल के प्रेजिडेंट मुकेश अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि संस्था थैलासीमिया से मुक्ति के लिए जो भी कदम उठाएगी वो उनके साथ खड़े मिलेंगे। आज के इस विशेष शिविर में 72 लोगों ने बोनमैरो के लिए अपना टेस्ट करवाया। इन सभी दाताओं ने आश्वासन दिया की उनका किसी भी थैलासीमिया ग्रस्त बच्चे के साथ अगर मिलान हो जाता है तो वो बोनमैरो देने को तैयार रहेंगे। बच्चों को जब ये बताया गया की ये सब उनके लिए हो रहा है ताकि उनको थैलासीमिया से मुक्ति मिल सके ये सुनकर वो बहुत ही खुश थे।
इस अवसर पर लक्ष्य वासुदेवा ने बताया कि अगर उनका बोनमैरो किसी भी थैलासीमिया ग्रस्त बच्चे के साथ मिल जाता है तो वो अपने को धन्य समझेंगे उनका तो जीवन ही सफल हो जायेगा। आशीष मंगला का भी यही कहना था अगर उनका बोनमैरो किसी के काम आ गया तो समझेंगे उनका जन्म ही किसी को स्वस्थ जीवन जीने के लिए ही हुआ था।
इस विशेष शिविर में संस्था की ब्रांड अम्बेस्डर रश्मि सचदेवा, बी.दास. बतरा, जे.के.भाटिया, सुमन शर्मा, मदन चावला, लक्ष्य चावला, मदन अरोड़ा, आशीष मंगला, नीरज कुकरेजा, देवेंद्र गुप्ता व रविंद्र डुडेजा विशेष रूप से उपस्थित थे।